नई दिल्ली। हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर जहांगीरपुरी इलाके में शोभायात्रा पर किया गया हमला सुनियोजित था। यह शोभायात्रा अपराह्न बाद चार बजे ईई ब्लाक से निकाली गई थी। शोभायात्रा जब सी ब्लाक पहुंची तो विशेष समुदाय के लोगों की ओर से अचानक शोभायात्रा पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया जाता है।
इस अप्रत्याशित हमले से शोभायात्रा में शामिल लोग खुद को संभालते कि दूसरे समुदाय के धार्मिक स्थल के निकट स्थित मकानों की छतों पर से भी ईंट, पत्थर के साथ ही कांच की बोतलों आदि से हमला और तेज कर दिया गया।
इलाके के ही नितिन व साहिल आदि प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो छतों से पत्थर-बोतलों से हमला करने वालों में महिलाएं भी शामिल थीं। हमलावर इतने से भी नहीं रुके। गाली देते हुए हाथों में तलवारें और अन्य हथियार लेकर हमला करने का भी प्रयास किया और हथियारों का हवा में लहराते हुए प्रदर्शन भी शुरू कर दिया। इसी दौरान कुछ हमलावरों ने वाहनों में तोड़फोड़ के साथ ही उन्हें आग के हवाले कर पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया।
शोभायात्रा में शामिल लोगों ने बताया कि जिस तरीके से उन्होंने हमले की शुरुआत की, उससे यह स्पष्ट था कि हमलावरों ने पहले से ही ईंट, पत्थर, बोतलें जमा कर रखीं थीं और शोभायात्रा के पहुंचते ही हमला कर दिया।
यह पढ़ें – क्या आप एक फिल्म कलाकार बनना चाहते है ? Want to join Film Industry ?
मौके की संवेदनशीलता को देखते हुए तुरंत दिल्ली पुलिस के आसपास के थानों के पुलिसकर्मियों समेत अर्द्ध सैनिक बलों की तैनाती कर दी गई। मौके पर करीब 400 सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए गए। हालांकि, ¨हसा के बाद घटनास्थल समेत आसपास के इलाके में लोगों के बीच दहशत का माहौल बना हुआ रहा।
वहीं, हनुमान जन्मोत्सव के दिन शोभा यात्रा के दौरान जहांगीरपुरी में हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की चूक भी सामने आ रही है। सवाल यह भी उठ रहा है कि 10 अप्रैल को राम नवमी पर जब देश के कई हिंसों में उपद्रवऔर हिंसा हुई थी तो दिल्ली पुलिस ने हनुमान जन्मोत्सव पर संभावित हिंसा को गंभीरता से क्यों नहीं लिया।