रामपुर। मुरादाबाद जेल से पुलिस अभिरक्षा में अदालत लाए गए पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर अहमद खां कचहरी में समाजवादी पार्टी के नेता व विधायक आजम खां के साथ खड़े हो गए। इस दौरान आजम खां ने मीडिया से भी बात की, लेकिन पुलिस वालों ने अजहर अहमद खां को वहां से नहीं हटाया। इस आरोप में अजहर खां को जेल से लाने वाले दारोगा समेत चार पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है।
रामपुर शहर विधायक आजम खां के खिलाफ 90 मुकदमे अदालतों में विचाराधीन हैं। इनकी सुनवाई स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही है। इनमें कई मुकदमों में पूर्व पालिकाध्यक्ष भी उनके साथ नामजद हैं। सोमवार को मुकदमों की सुनवाई थी। आजम खां भी कोर्ट में पेश हुए, जबकि पूर्व पालिकाध्यक्ष को मुरादाबाद जेल से रामपुर लाया गया था। उनके साथ एक दारोगा, हेड कांस्टेबिल और दो सिपाही थे।
अदालत से निकलने के बाद आजम खां ने मीडिया कर्मियों ने बात की। इस दौरान अजहर खां भी उनके साथ खड़े रहे। वीडियो में भी वह आजम खां के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। पुलिस कर्मियों को अदालत में सुनवाई के बाद उन्हें सीधे जेल ले जाना था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
आजम खां की बाइट संबंधी वीडियो इंटरनेट मीडिया पर भी वायरल हुई। इसकी शिकायत पुलिस अधिकारियों से भी की गई। डीआइजी शलभ माथुर ने मामले को गंभीरता से लिया। जांच पड़ताल में मामला सही पाए जाने पर मुरादाबाद के एसएसपी को कार्रवाई के निर्देश दिए। डीआइजी ने बताया कि उप निरीक्षक रमेश गिरी, हेड कांस्टेबिल महेंद्र पाल, सिपाही भरत और मोनू पाल को निलंबित कर दिया गया है।
इस मामले में भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने भी आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा कि अजहर खां को आजम खां के साथ खड़ा रहने दिया गया। यह पुलिस की लापरवाही है। इसके अलावा ऐसे लोग भी आजम खां के साथ नजर आए, जो जुआ खेलते हैं। इनकी पिछले दिनों जुआ खेलते हुए वीडियो वायरल हुई थी। इस मामले में मुकदमा भी दर्ज हुआ।
इस तरह आजम खां अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को कचहरी में इकट्ठा कर गवाहों पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं। न्यायालय के आदेश की भी अवहेलना कर रहे हैं। उन्होंने मीडिया से यह भी कहा कि हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ जालिमाना आदेश किया था, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई। वह इस मामले को न्यायालय के संज्ञान में लाएंगे।