Barnawa: बरनावा।(सतीश बंसल) संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां ने शाह सतनाम आश्रम बरनावा (यूपी) से ऑनलाइन गुरुकुल के माध्यम से फरमाया कि बात को सही तरीके से पेश किया जाना चाहिए। अभी जब हम आ रहे थे तो एक सज्जन मिला तो हमसे कहने लगा कि गुरु जी क्या आपने कोई चैलेंज दे रखा है। तो हमने कहा कि नहीं, हमने तो कोई चैलेंज नहीं दिया। हमने पूछा किस चीज का तो उसने किसी धर्म की कोई चर्चा की। साध-संगत जी ध्यान से सुनो कि कैसे बात को तरोड़ा-मरोड़ा जाता है। हम एक चीज कह रहे थे कि भाई हमारी हाथ जोड़कर विनती है, सभी धर्मों के जो मौजिज लोग हैं, कि हम सभी मिलकर समाज में से गंदा नशा निकाल दें। ये सोचकर ही निकाल दें कि आपां अपने धर्म से ही गंदा नशा निकाल रहे हैं। वो धर्म भी बढ़ेगा और सारे समाज में खुशियां आएंगी। आओ मिलकर चलें, आओ सब मिलकर नशा छुड़ाएं। इसमें चैलेंज नाम की चीज कहां है? इतना गपोड़ मारते हैं, इतना तोड़ मरोड़ करना, जो भी कोई करता है, वो मालिक जाने। आदमी को हमेशा सच के राह पर चलना चाहिए, सच का साथ देना चाहिए। सच का रास्ता एक ऐसा रास्ता है, जिस पर चलना मुश्किल होता है, जिसके लिए बड़ी मुश्किलें आती हैं। लेकिन सच हमेशा सच रहता है और झूठ हमेशा बदल जाया करता है। (Barnawa)
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तुर्की सहित चार देशों के भूकंप पीड़ितों के लिए राम रहीम सिंह ने की दुआ, मृतकों की आत्मिक शांति, घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने और पीड़ित परिवारों को दु:ख सहने करने की शक्ति देने के लिए भगवान से की प्रार्थना
गुरमीत राम रहीम सिंह ने तुर्की, सीरिया सहित चार देशों में भीषण भूकंप के चलते हजारों की संख्या में लोगों की मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि हमें पता चला कि तुर्की और सीरिया में भूकंप के कारण हजारों लोगों की मौत हो गई और अनेक गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। हमें बड़ा दु:ख हुआ। तब पूज्य गुरु जी ने पवित्र नारा धन-धन
सतगुरु तेरा ही आसरा के रूप में साध-संगत के साथ भगवान से भूकंप पीड़ितों की आत्मिक शांति के लिए, घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने और पीड़ित परिवारों को इस दु:ख की घड़ी को सहन करने का बल बख्शने की प्रार्थना की। (Barnawa)
राम–नाम में आगे बढ़ने में मदद करता है ब्रह्मचर्य का पालन
ब्रह्मचर्य के लाभ पर प्रकाश डालते हुए फरमाया कि बच्चे पूछते हैं कि कैसे ब्रह्मचर्य संभव है? बड़ा मुश्किल होता है छोटी सी उम्र में अपने आपको कंट्रोल करना। और जो कंट्रोल कर गया वो ही सर्वोत्तम होता है। उत्तम बहुत होते हैं, अच्छे बहुत होते हैं। पर सर्वश्रेष्ठ वही हो सकता है, जो अपने आप पर कंट्रोल पाना सीख जाता है। तो आत्मबल से ही ब्रह्मचर्य पर कंट्रोल होता है। खान-पान में कुछ चीजें एड करनी पड़ेंगी और कुछ में बदलाव लाना होगा। ऐसी चीजें ना खाएं जो बहुत ज्यादा गर्म हों, ऐसी चीजें भी ना खाएं जो आपको परेशान करती हों, सात्विक भोजन हो। कोशिश कीजिये कि स्वस्थ भोजन करें। इन्सान को हमेशा अपनी संतुलित डाइट रखनी चाहिए। नेचर से ऑर्गेनिक चीजें खाएं जो आपको अंदर से शक्ति, हिम्मत देगी। इस दौरान अगर आप साथ में अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड, खुदा, रब्ब का नाम लेंगे तो आप ब्रह्मचर्य का पालन कर पाएंगे। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि ब्रह्मचर्य का पालन करने के लिए हम इसलिए कहते हैं कि अगर आप पढ़ाई करते हैं, खेलते हैं, कोई रिसर्च करते हैं या आप खेती करते हैं, चाहे बिजनेस है, चाहे व्यापार हैं तो ब्रह्मचर्य हर क्षेत्र में कामयाबी का रामबाण है, इसमें कोई दो राय नहीं है।
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भारतीय संस्कृति के अनुसार मनाएं डे
बच्चों अगर डे मनाना ही है तो क्यों न इसमें हमारी (भारतीय) संस्कृति को शामिल कर लें। आप रोज डे ना बोलें। आप वाला गुलाब दो दिन में मुरझा जाएगा और हमारी संस्कृति वाला गुलाब सारी उम्र रहेगा, जब हाथ पर बांध लिया। क्यों ना संस्कृति को याद रखने के लिए एक-दूसरे को ऐसी चीज (लोगड़ी का फूल) दिया करें। इससे संस्कृति भी याद रहेगी। हाथ पर बांधने वाली चीज को आप लोगड़ का फूल या लोगड़ी का फूल या बैंड भी कह सकते हैं। इसको एक बार हाथ पर बांध लिया तो याद करने की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि ये बंधा ही रहेगा। दो दोस्तों के बीच हमेशा सच्चा आत्मिक प्रेम होना चाहिए। सच्चे प्रेम का मतलब होता है कि शारीरिक भावना नहीं बल्कि आत्मिक भावना से प्यार किया जाए। (Barnawa)