Bhagat Singh- सिरसा: 28 सितंबर: ।(सतीश बंसल) मौजूदा परिवेश में जहां बाज़ारवाद व उपभोक्ता संस्कृति ने जनपक्षीय संस्कृति को गंधला दिया है वहां युवा वर्ग को दिशा विहीन करने के कुत्सित प्रयास भी जारी हैं; ऐसे में प्रति-संस्कृति का सृजन करते हुए जनपक्षीय संस्कृति को प्रोत्साहित करना ही शहीद-ए आज़म भगत सिंह सरीखे क्रांतिवीर देश भक्त समाजशास्त्रियों के प्रति नमन होगा और यही उन्हें सच्ची श्रद्धांजली होगी। यह विचार राजकीय महिला महाविद्यालय, सिरसा के पंजाबी विभागाध्यक्ष डा. हरविंदर सिंह ने पंजाबी विभाग द्वारा शहीद-ए-आज़म भगत सिंह के जन्म दिवस के अवसर पर आयोजित विचार-गोष्ठी में व्यक्त किए।
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उन्होंने कहा कि युवा वर्ग को सही मार्ग प्रशस्त करने से ही शहीदों के सपनों के समाज निर्माण की ओर अग्रसर हुआ जा सकता है। डा. हरविंदर सिंह ने कहा कि युवा वर्ग और आमजन के बौद्धिक पक्ष के उत्थान के पक्षधर भगत सिंह का आदर्श वाक्य यही है कि इन्कलाब की धार विचारों की सान पर तेज़ होती है। उन्होंने कहा कि भगत सिंह विचारधारा अध्ययन, चिंतन एवं मनन के प्रति प्रतिबद्धता की प्रेरणा प्रदान करती है। (Bhagat Singh)
उन्होंने कहा कि भगत सिंह इतनी अल्पायु में सर्वाधिक पुस्तकों का पठन करने वाले क्रांतिवीर के तौर पर हमेशा याद रखे जाएंगे और विद्यार्थियों, युवाओं व बुद्धिजीवियों के लिए सदैव आदर्श बने रहेंगे। विचार-गोष्ठी में पंजाबी विभाग की छात्राओं मुस्कान, निरमपाल इत्यादि ने भी भगत सिंह के व्यक्तित्व, कृतित्व व विचारधारा के संबंध में अपने विचार व्यक्त किए। चर्चा-परिचर्चा में भाग लेते हुए छात्राओं ने शहीद-ए-आज़म भगत सिंह के बारे में प्रश्न-उत्तरों द्वारा अपनी जिज्ञासा की पूर्ति की व अधिक से अधिक चिंतन मनन करने के प्रति आश्वासन प्रदान किया।
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