हुडा सैक्टर 20 स्थित श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर के प्रांगण में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण कथा में गोपी उद्धव संवाद एवं रुक्मिणी मंगल की कथा के रोचक प्रसंग सुनाए। श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर टैंपल के प्रधान दुर्गा सिंह राठौड ने बताया कि ट्रस्ट के 14वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित श्री मद् भागवत (Bhagwat) महापुराण कथा में कथा व्यास स्वामी ललित किशोर व्यास ने अपने मुखाविंद से भागवत रस की अनुभूति करवा रहे है।
ये भी पड़े– डबल इंजन की सरकार (Government) ले रही ऐतिहासिक निर्णय : मुख्यमंत्री नायब सिंह
कथा में कथाव्यास ने कहा कि गोपियों की कृष्णभक्ति से उद्धव इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने गोपियों की चरण रज की वंदना की तथा इच्छा प्रकट की कि मैं अगले जन्म में गोपियों की चरण रज से पवित्र वृन्दावन की लता, औषधि, झाड़ी आदि बनू। इस प्रकार कृष्ण के प्रति ब्रजवासियों के प्रेम की सराहना करते हुए तथा नन्दादि, गोप तथा गोपियों से कृष्ण के लिए अनेक भेंट लेकर वे मथुरा लौट आए। वहीं रुक्मिणी मंगल प्रसंग के दौरान कथा स्थल पर श्री कृष्ण रुक्मिणी विवाह की सभी रस्में भजनों के माध्यम से प्रस्तुत की गई।
विज्ञापन– क्या आप कलाकार बनाना चाहते है ? क्या आप फिल्म जगत में अपना नाम बनाना चाहते है?
जिसका सभी भक्तों ने आनंद लिया। प्रवचनों में कथा व्यास ने कहा कि रुक्मिणी साक्षात लक्ष्मी का अवतार थीं। वह मन ही मन श्री कृष्ण से विवाह करना चाहती थीं। उधर, श्री कृष्ण भी जानते थे कि रुक्मिणी में कई गुण है। लेकिन रुक्मिणी का भाई रुक्मी श्री कृष्ण से शत्रुता रखता था। अंतत: श्रीकृष्ण ने रुक्मी को युद्ध में परास्त करके रुक्मिणी से विवाह किया। कथा के अंत में प्रसाद वितरित किया गया। (Bhagwat)