सिरसा।। (सतीश बंसल) भारतीय जाट विकास मंच द्वारा हिन्दू हृदय (Maharaja Surajmal) सम्राट महाराजा सूरजमल का जन्मदिवस सिरसा के बरनाला रोड स्थित महाराजा सूरजमल चौक पर उनके चित्र पर माल्यार्पण करके मनाया गया। इस अवसर पर उपस्थित समाज के लोगों ने महाराजा सूरजमल जैसे वीर योद्धा अमर रहे का जयघोष किया। इस मौके पर महासचिव हनुमान गोदारा ने बताया कि सूरजमल एक ऐसे राजा थे, जिनके राज में समरस समाज की स्थापना हुई थी।
महाराज सूरजमल किशोरावस्था से ही बहुत ताकतवर, साहसी यौद्धा, धैर्यवान, गंभीर, दयालु व दूरदर्शी तथा राष्ट्रवादी सोच के मालिक थे। दूरदर्शी सोच के कारण ही उन्होंने अजेय दुर्ग लोहागढ़ की स्थापना की थी। महाराजा सूरजमल का जन्म 13 फरवरी 1707 को भरतपुर के सिनसिनी गांव में हुआ था। (Maharaja Surajmal) महाराज सूरजमल के नेतृत्व में जाटों ने मुगलों को परास्त कर आगरा, फरुक्खाबाद से लेकर बिजनौर, पानीपत, दिल्ली तक के क्षेत्र पर अपना अधिकार कर लिया था। 25 दिसम्बर 1763 की रात को दिल्ली के शाहदरा इलाके के पास हिंडन नदी के किनारे पर मुगल सेना द्वारा घात लगाकर किए गए एक हमले में महाराज सूरजमल वीरगति को प्राप्त हुए थे।
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महाराज की वीरता और शौर्य का मुगलों में इस कदर खौफ था कि मृत्यु के पश्चात भी मुगलों को सहज ही ये
विश्वास नहीं हुआ था कि सूरजमल मारे गए। गोदारा ने कहा कि महाराज सूरजमल ऐसे महान प्रतापी और
पराक्रमी यौद्धा थे, जो दोनों हाथों से तलवार चलाते थे। (Maharaja Surajmal) इस अवसर पर युवाओं ने महाराज सूरजमल से प्रेरणा लेकर सदैव धर्म की रक्षा और महिलाओं की सुरक्षा का संकल्प लिया। इस अवसर पर भारतीय जाट विकास मंच के अध्यक्ष राजेंद्र कड़वासरा, लालचंद गोदारा, सुरजीत भादू, आत्माराम सिहाग पूर्व सरपंच, महेंद्र घणघस, जय सिंह बैनीवाल एडवोकेट, रणबीर बांगड़वा, अमित गोदारा, उग्रसैन बैनीवाल, अजय सिंह सहित अनेक गणमान्य
नागरिक उपस्थित रहे।