लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा की रिक्त हो रही यूपी कोटे की 11 सीटों में से दो और प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए हैं। इससे पहले रविवार को छह प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की गई थी। इस प्रकार से भाजपा ने कुल आठ प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है। सभी प्रत्याशी अंतिम दिन मंगलवार को यानी 31 मई को नामांकन करेंगे।
चर्चा में कई नाम चलते रहे और भाजपा हाईकमान ने राज्यसभा चुनाव के लिए शेष रह गए दो प्रत्याशियों की घोषणा से चौंका दिया। पार्टी ने पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, हैदराबाद निवासी डा. के. लक्ष्मण को उत्तर प्रदेश से राज्यसभा भेजने का निर्णय लिया है। इसी तरह दलित वर्ग को भी समायोजित करते हुए दूसरे प्रत्याशी के रूप में सपा छोड़कर भाजपा में आए शाहजहांपुर के पूर्व सांसद मिथलेश कुमार के नाम पर मुहर लगाई है। सभी आठों प्रत्याशी मंगलवार को अंतिम दिन नामांकन करेंगे।
राज्यसभा में उत्तर प्रदेश के कोटे की रिक्त हो रहीं 11 सीटों के लिए भाजपा ने आठ और सपा ने तीन प्रत्याशी उतारे हैं। भाजपा ने छह प्रत्याशी रविवार को घोषित कर दिए थे। इनमें भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी, गोरखपुर के पूर्व विधायक डा. राधामोहन दास अग्रवाल, भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. दर्शना सिंह, राज्य पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम के अध्यक्ष बाबूराम निषाद और चौरी-चौरा की पूर्व विधायक संगीता यादव के अलावा वर्तमान में राज्यसभा सदस्य सुरेंद्र सिंह नागर थे।
ऐसे में संकेत मिल गए थे कि नागर के साथ जिन अन्य चार सांसदों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, उनमें से किसी को दोबारा मौका नहीं मिलेगा। दो शेष प्रत्याशियों की घोषणा की प्रतीक्षा कई दावेदारों को बेचैन किए हुए थी। देर रात पार्टी ने डा. के. लक्ष्मण और मिथलेश कुमार के नाम की घोषणा कर दी।
पार्टी ने वर्तमान राज्यसभा सदस्य शिवप्रताप शुक्ला, जफर इस्लाम, जयप्रकाश निषाद और संजय सेठ को दोबारा मौका नहीं दिया है। इस तरह अब आठों प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं। मंगलवार को नामांकन का अंतिम दिन है। पार्टी के आठों प्रत्याशी नामांकन दाखिल करने के लिए विधानभवन के सेंट्रल हाल में पहुंचेंगे।
विधायकों के वोटों की संख्या के आधार पर भाजपा के आठ प्रत्याशियों की जीत तय है, जबकि सपा तीन सीटें जीत जाएगी। सपा ने राज्यसभा चुनाव के लिए मुस्लिम चेहरे के रूप में जावेद अली और देश के जाने-माने वकील एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल को अपना प्रत्याशी बनाया है। तीसरा प्रत्याशी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के अध्यक्ष जयंत चौधरी को बनाया है।
पिछड़ों का पलड़ा भारी : उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक आबादी पिछड़ा वर्ग की है। लिहाज भाजपा की चुनावी रणनीति में इस वर्ग को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है। अभी राज्यसभा के जो आठ प्रत्याशी घोषित किए हैं, उनके सहारे भी लोकसभा चुनाव के लिए जातीय-क्षेत्रीय समीकरण साधने का प्रयास दिखा है। कुल प्रत्याशियों को देखें तो पिछड़ा वर्ग से सुरेंद्र सिंह नागर, बाबूराम निषाद, संगीता यादव और डा. के. लक्ष्मण हो गए। सवर्ण वर्ग से डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी, डा. दर्शना सिंह और डा. राधामोहन दास अग्रवाल हो गए। दलित वर्ग इसमें छूट रहा था, जिसका समायोजन मिथलेश कुमार को प्रत्याशी बनाकर कर दिया गया है।