नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड (National Herald Case) से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में ईडी ने सोमवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi appear ED) से दो दौर में 10 घंटे से ज्यादा पूछताछ की। राहुल सुबह 11:10 बजे ईडी दफ्तर पहुंचे थे। बीच में करीब डेढ़ घंटे के लंच ब्रेक के बाद उनसे फिर पूछताछ शुरू हुई, जिसके बाद वह रात 11:10 बजे ईडी दफ्तर से बाहर निकले। ईडी ने राहुल को मंगलवार को भी पूछताछ के लिए बुलाया है।
राहुल गांधी ने जानकारी होने से किया इन्कार
पहली बार ईडी की पूछताछ का सामना करने वाले राहुल ने अधिकांश सवालों पर चुप्पी साध ली। यंग इंडिया लिमिटेड (वाईआइएल) कंपनी बनाने, उसकी फंडिंग, एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) को कांग्रेस पार्टी की ओर से 90 करोड़ रुपये का लोन दिए जाने और एजेएल को यंग इंडिया को बेचे जाने की प्रक्रिया से जुड़े सवालों के बारे में राहुल गांधी ने जानकारी होने से इन्कार कर दिया।
एजेंसी के पास थी सवालों की लंबी सूची
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रवर्तन एजेंसी के पास राहुल गांधी से पूछताछ के लिए यंग इंडिया को एजेएल को बेचने की पूरी प्रक्रिया से जुड़े सवालों की लंबी सूची थी। ईडी के नियम के मुताबिक राहुल को खुद अपने हाथों से सभी सवालों का जवाब कागज पर लिखने को कहा गया। एक-एक सवाल का खुद जवाब लिखे जाने की वजह से पूछताछ की प्रक्रिया लंबी चली।
मांगी गई यह जानकारी
गौरतलब है कि ईडी के सवालों का जवाब लिखने के बाद कागज के ऊपर बाईं ओर और नीचे भी दस्तखत करने होते हैं। इसी कारण ईडी में दिए गए बयान को अदालत में पुख्ता सुबूत माना जाता है। पूछताछ की शुरुआत में राहुल को अपना व्यक्तिगत परिचय देने के साथ-साथ अपने बैंक खाते और संपत्तियों की विस्तृत जानकारी देने को कहा गया।
पूछे गए ये सवाल
इसके बाद यंग इंडिया और एजेएल मामले से जुड़े सवाल पूछे गए। इसमें सोनिया गांधी की यंग इंडिया के कामकाज में भागीदारी से जुड़े सवाल भी थे। ईडी ने राहुल से यंग इंडिया की परिसंपत्तियों की भी जानकारी मांगी। जाहिर है सवालों के माध्यम से ईडी उस गहरी साजिश का पता लगाने की कोशिश कर रही थी, जिससे एजेएल के हजारों करोड़ की संपत्ति को गांधी परिवार की एक कंपनी के हवाले कर दिया गया।
अधिकांश सवालों से कन्नी काट गए राहुल
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राहुल अधिकांश सवालों का जवाब देने से यह कहते हुए कन्नी काट गए कि इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है या इसके बारे में वे बाद में जानकारी जुटाकर बताएंगे। उन्होंने कहा कि राहुल को इसके पहले कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन बंसल द्वारा दिए गए बयानों को भी दिखाया गया और उस पर सफाई भी मांगी गई। इन दोनों नेताओं से अप्रैल में ईडी ने पूछताछ की थी।
पारदर्शी नहीं है एजेएल को बेचने की प्रक्रिया
ईडी के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार एजेएल के यंग इंडिया को बेचे जाने की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है और कोई भी इसका संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रहा है। अधिकारी ने कहा कि इस मामले में सोनिया गांधी से पूछताछ के बाद आगे की कार्रवाई के बारे में फैसला लिया जाएगा।
सोनिया गांधी को 23 जून को बुलाया
सोनिया गांधी को एजेंसी ने 23 जून को पूछताछ के लिए बुलाया है। वैसे सोनिया गांधी फिलहाल कोरोना संक्रमण के बाद गंगाराम अस्पताल में भर्ती हैं। ईडी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार सोनिया गांधी से पूछताछ के बाद ईडी यंग इंडिया द्वारा खरीदी गई एजेएल की सभी संपत्तियों को जब्त करने का फैसला ले सकती है।
यह है नेशनल हेराल्ड मामला
पांच हजार से अधिक स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर जवाहर लाल नेहरू ने 1938 में नेशनल हेराल्ड अखबार शुरू किया था। एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) इसका प्रकाशन करती थी। स्वतंत्रता के बाद यह अखबार कांग्रेस का मुखपत्र बन गया। अखबार की माली हालत खराब होने पर कांग्रेस ने उसे 90.25 करोड़ रुपये का कर्ज दिया। इसके बावजूद 2008 में अखबार बंद हो गया।
सुब्रहमण्यम स्वामी ने खटखटाया है कोर्ट का दरवाजा
2010 में कांग्रेस ने यंग इंडिया प्रा. लिमिटेड (वाईआइएल) नामक कंपनी बनाई और मात्र 50 लाख रुपये लेकर उसे एजेएल से 90.25 करोड़ रुपये कर्ज की वसूली का अधिकार दे दिया। यंग इंडिया में सोनिया और राहुल की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसी सौदे को लेकर भाजपा नेता सुब्रहमण्यम स्वामी ने सवाल उठाए और कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने गांधी परिवार पर यंग इंडिया के जरिये एजेएल की हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति हथियाने का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी।
ईडी के राहुल से सवाल
- यंग इंडिया में उनका पद क्या है, इसकी मी¨टग में भाग लेते हैं या नहीं
- यंग इंडिया की मीटिंग कौन बुलाता है और उसमें कौन-कौन शामिल होते हैं
- सोनिया गांधी की यंग इंडिया के कामकाज में कितनी भागीदारी होती है
- एजेएल के अधिग्रहण के बारे में उन्हें जानकारी थी या नहीं और उनकी सहमति ली गई थी या नहीं
- यंग इंडिया को चलाने वाला अधिकृत व्यक्ति और उसके खाते का लेखा-जोखा रखने वाला सीए कौन है
- क्या एजेएल को कांग्रेस की ओर से 90 करोड़ रुपये कर्ज देने के फैसले पर उनसे सहमति ली गई थी
- क्या उन्हें लगता है कि एजेएल की माली हालत जानबूझकर खराब की गई थी
- राहुल ने इनमें से ज्यादातर सवालों के जवाब नहीं दिए, जिनके सवाल दिए भी उनसे ईडी संतुष्ट नहीं हुई
इस मामले में ईडी क्यों कर रही है जांच
न शनल हेराल्ड अखबार पर मालिकाना हक रखने वाली कंपनी एजेएल को यंग इंडिया को बेचने के मामले में सुब्रमण्यम स्वामी की पटियाला हाउस कोर्ट में निजी आपराधिक शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद आयकर विभाग ने यंग इंडिया के खिलाफ जांच की। निचली अदालत द्वारा आयकर विभाग की जांच का संज्ञान लेने पर ईडी ने इस मामले में मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के आपराधिक प्रविधानों के तहत केस दर्ज किया था।