सिरसा। (सतीश बंसल) किसान आंदोलन के दौरान अलग-अलग (BKE President) रोष प्रदर्शनों के तहत जिला भर के किसानों पर बनाए गए सभी केस हरियाणा सरकार द्वारा रद्द कर दिए गए हैं, जिसकी ऑर्डर की प्रतियां मिलने के बाद भारतीय किसान एकता (BKE) अध्यक्ष लखविंद्र सिंह औलख ने सोशल मीडिया के माध्यम से सभी किसानों को इसकी जानकारी दी और साहस, संयम के साथ संघर्ष करने वाले किसानों का धन्यवाद करते हुए अपनी टीम के साथ वकीलों के कार्यालय पर जाकर कानूनी सहायता देने वाले वकीलों त्रिलोक सिंह गिल और बसंत सिंह गिल को सिरो पे पहनाकर सम्मानित किया।
मीडिया से जानकारी सांझा करते हुए लखविंद्र सिंह ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा किसानों पर बनाए गए रणवीर गंगवा केस सहित सभी केसों को रद्द करवाने के लिए BKE द्वारा हरियाणा सरकार पर लगातार दबाव बनाया जा रहा था, (BKE President) जिसके लिए वे अन्य किसान नेताओं के साथ मिलकर चण्डीगढ़ में हरियाणा सरकार के साथ कई बार मीटिंग कर चुके हैं।
डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा और जेल व बिजली मंत्री चौधरी रणजीत सिंह चौटाला के साथ चंडीगढ़ में हुई मीटिंग में ही डिप्टी स्पीकर उनके द्वारा किए गए केस को वापिस लेने के लिए सहमत हो गए थेए जिसके तुरंत बाद सिरसा जिला प्रशासन को भी आदेश कर दिए गए थे। (BKE President) फिर भी सिरसा कोर्ट की प्रकिया की समय सीमा के चलते कई महीनों बाद अब कोर्ट से भी केस रद्द कर दिए गए हैं।
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उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा सिरसा जिला के क्रांतिकारी किसानों पर बनाए गए कुल 23 केस लंबित थे, जिनमें से मुख्य केस हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रणवीर गंगवा वाला था, जो 11 जुलाई 2021 को सिविल लाइन थाना सिरसा में विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ था। (BKE President) रणवीर गंगवा बहु चर्चित केस में औलख ने बताया कि आंदोलन के दौरान जब भी यहां भी कानूनी सलाह की जरूरत पड़ी है, यहां के वकीलों ने पहल के आधार पर किसानों के लिए सेवाएं दी हैं।