सिरसा। (सतीश बंसल) राजकीय पशु पॉलीक्लीनिक सिरसा में कार्यरत डा. मदन लेगा व उनकी (Chest) टीम द्वारा भैंस की छाती के पर्दे का सफल ऑप्रेशन किया गया। डा. मदन ने बताया कि अमूमन इस ऑप्रेशन के लिए पशु मालिक को लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय हिसार में पशुओं को लेकर जाना पड़ता है, लेकिन उनकी टीम द्वारा यह ऑप्रेशन राजकीय पशु पॉलीक्लीनिक सिरसा में किया गया। डा. मदन ने बताया कि भैंस को काफी दिनों से खाने पीने में दिक्कत थी और बहुत ज्यादा अफारा आ रहा था।
पशु मालिक ने डा. मदन लेगा से संपर्क किया और उन्होंने यह ऑप्रेशन उपनिदेशक डा. वी एस बंसल के दिशा निर्देशानुसार राजकीय पशु पॉलीक्लीनिक सिरसा में करने का फैसला किया। पहले दिन भैंस के पेट का ऑप्रेशन किया गया, जिसमें से एक लोहे की कील निकाली गई और अगले दिन भैंस की छाती के पर्दे का ऑप्रेशन किया गया। डा. मदन ने बताया कि अब भैंस बिल्कुल स्वस्थ है और (Chest) भैंस को इंटेंसिव केयर यूनिट में दाखिल किया गया है। उन्होंने बताया कि पशु चारे के साथ कई बार लोहे की कील खा जाते हैं और वह नुकूली लोहे की चीजें बार-बार छाती के पर्दे पर लगती है, जिसके कारण छाती का पर्दा फट जाता है, जिससे पशु का पेट छाती में चला जाता है, जिससे पशु को खाने और पीने में दिक्कत होती है और अगर यह ऑप्रेशन समय पर न करवाया जाए तो इस बीमारी में पशुओं की मृत्यु निश्चित है।
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इस इस बीमारी को डायाफ्रामेटिक हर्निया बोला जाता है। (Chest) डा. मदन ने बताया कि इस बीमारी में पशु को कई प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं जैसे पशु का खाना पीना कम होना व बिल्कुल बंद कर देना, काला व कठोर गोबर आना, पशुओं का दिन प्रतिदिन कमजोर होना, पशु में खांसी का होना व नाक में से पानी गिरना, प्रत्यावहन आदि। इस मौके पर उनके साथ डा. बृज लाल, पशु प्रीचर सुनील, शीश पाल, रीछ पाल सहित अन्य लोग मौजूद थे।