बुंदेलखंड (Bundelkhand) के मूल निवासी भले वह उत्तर प्रदेश के हिस्से में हों या मध्य प्रदेश के, इस बात से मुंह नहीं फेर सकते कि वह आजादी के 75 साल बाद भी पिछड़ेपन की एक ऐसी पीड़ा से गुजर रहे हैं, जिसका बखान करना भी अब बोझ समझ आता है। बुंदेलखंड को वीरों की भूमि कहा गया है, जहां पूर्वजों ने अपनी मेहनत और पसीने से इस धरती को संजीवनी देने का काम किया है। लेकिन आज यह क्षेत्र पलायन, गरीबी, जल संकट और प्राकृतिक संसाधनों के संगठित उपयोग जैसी अनेक समस्याओं से जूझ हुआ है। इन समस्याओं पर सरकारों की नजर तो जरूर है लेकिन इन समस्याओं को जड़ से खत्म करने के लिए अभी मीलों का सफर तय करना बाकी है। इस सफर में बुंदेलखंड 24×7 ने 5 लाख हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत करके बुंदेलखंड को एक पृथक राज्य बनाने की आवाज को और अधिक बुलंद करने का प्रयास किया है।
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इस अभियान को क्षेत्र के समृद्ध भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा सकता है। हम भली-भांति जानते हैं कि बुंदेलखंड अपने अद्वितीय प्राकृतिक संसाधनों और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का गढ़ रहा है लेकिन इन संसाधनों का सही तरीके से उपयोग ना हो पाने के कारण यहां के लोग पलायन करने को मजबूर हैं, जो बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए एक सबसे प्रमुख और महत्वपूर्ण मुद्दा है। इस अभियान के माध्यम से चैनल ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि हमारे संसाधनों का उपयोग स्थानीय लोगों के हित में हो और उन्हें एक बेहतर जीवन जीने का अवसर मिले। लेकिन यह परिकल्पना किसी चैनल, संगठन या राजनेता के आगे आने से अधिक आम नागरिकों के जाग्रत होने से पूरी हो सकेगी। बुंदेलखंड के आवाम की आवाज यदि केंद्र के कानों तक पहुंचेगी तो इसमें कोई दो राय नहीं कि दशकों से चली आ रही इस मांग को स्वीकार करने के अतिरिक्त सरकार के समक्ष कोई अन्य उपाय होगा।
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मेरा व्यक्तिगत मानना है कि 5 लाख हस्ताक्षर अभियान जैसे किसी भी अभियान का हिस्सा बनने का एक मतलब साफ़ है कि आप और आपका परिवार एक बेहतर भविष्य की ओर कदम बढ़ा रहा है। यदि आप मानते हैं कि पृथक बुंदेलखंड (Bundelkhand) अभियान बुंदेलखंडवासियों की आवाज को मजबूत कर सकता है, हमारी प्राकृतिक सम्पदा को संरक्षित रख सकता है, और पलायन-गरीबी जैसी समस्याओं से निजात दिलाने में सहायक हो सकता है, तो न केवल खुद इस अभियान का हिस्सा बनें बल्कि अन्य लोगों को भी प्रोत्साहित करें, जो स्वतः ही आगे आना चाहते हैं।
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हमारा लक्ष्य 5 लाख हस्ताक्षरों का है, जो यह दिखाएगा कि बुंदेलखंड के लोग अपने अधिकारों और भविष्य के लिए जागरूक हैं। यह अभियान सिर्फ एक हस्ताक्षर का नहीं, बल्कि बुंदेलियों के संघर्ष और उनके सपनों का प्रतीक भी साबित होगा। जाहिर तौर पर हम सब मिलकर अपने और अपने परिवार के बेहतर भविष्य के लिए इस अभियान का समर्थन कर सकते हैं, और अपनी आवाज को मजबूत करने के साथ, अपनी मांगों को सरकार तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।