पृथक बुंदेलखंड (Bundelkhand) राज्य की मांग को लेकर जारी गाँव-गाँव, पांव-पांव यात्रा का आज चौथा दिन है। राजा बुंदेला के नेतृत्व व बुंदेलखंड संयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में चल रही इस यात्रा के दौरान ललितपुर से झाँसी के बीच तक़रीबन 22 गांवों का भ्रमण किया जायेगा। इस दौरान ग्रामवासियों के साथ संवाद स्थापित कर पृथक बुंदेलखंड राज्य निर्माण के लिए जन जागरूकता फैलाई जा रही है। इस बीच यह पद यात्रा तालबेहट, मऊरानीपुर होते हुए, चिरगांव, राजगढ़ के रास्ते झाँसी के इलाइट चौराहे पर 24 अक्टूबर को समाप्त होगी।
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इस बार आर-पार की लड़ाई का जिक्र करते हुए, ग्रामवासियों के संवाद के दौरान राजा बुंदेला ने कहा, “हमारी संपदा का लाभ उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों को दिया जा रहा है लेकिन बुंदेलखंड के वासी सिर्फ चपरासीगिरी करने तक ही सीमित रह गए हैं। मैं आप सब से तलवार बन्दूक उठाने के लिए नहीं कह रहा, बस बुंदेलखंड निर्माण के लिए आवाज उठाने की अपील कर रहा हूँ। यात्रा में चल रहे लोग अपना काम, व्यवसाय छोड़कर आपकी लड़ाई लड़ने सड़क पर उतरे हैं और जो भी कीमत चुकानी पड़े, इस बार हम बुंदेलखंड राज्य लेकर रहेंगे।”
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यात्रा को लेकर क्षेत्र के न. 1 डिजिटल न्यूज़ प्लेटफार्म बुंदेलखंड 24×7 के फाउंडर अतुल मलिकराम ने कहा, “हम बुंदेलखंड (Bundelkhand) को सफल और संपन्न बुंदेलखंड के वास्तविक विकास से जोड़ना चाहते हैं। हमारा उद्देश्य क्षेत्र से पलायन जैसी जटिल समस्या को जड़ से उखाड़ फेंकना है। हम किसानों को, युवाओं को उनके हक के लिए जारी संघर्ष से बाहर निकालना चाहते हैं। और यह सब तभी संभव है जब बुंदेलखंड को एक अलग राज्य का दर्जा मिलेगा।
बुंदेलखंड की संस्कृति, सभ्यता को संरक्षित रखना, यहाँ की खनिज संपदा को यहाँ के लोग के लिए उपयोगी बनाना आदि काम दो राज्यों में बीच में फंसे रहने से संभव नहीं हो पाएंगे, इसलिए हमें एक पृथक राज्य की मांग को लगातार बुलंद करते रहने की जरुरत है। “बता दें कि यात्रा में नमक रोटी खाएंगे, बुंदेलखंड राज्य बनाएंगे जैसे नारे खूब बुलंद हो रहे हैं। वहीं यात्रा का ग्रामवासी न केवल स्वागत कर रहे हैं बल्कि पुरजोर समर्थन भी कर रहे हैं। अब तक की यात्रा से सैकड़ों पुरुष-महिलाएं जुड़ चुके हैं और पृथक बुंदेलखंड की मांग को लेकर हुंकार भर रहे हैं।