नई दिल्ली। Vitamin D हमारे शरीर के लिए कैल्शियम और फॉसफेट को सोखने, मांसपेशियों, हड्डियों और दांतों को सेहतमंद रखने के लिए ज़रूरी होता है। इसके अलावा विटामिन-डी इम्यून सिस्टम से लड़ने और बैक्टीरिया और वायरस को शरीर से भगाने के लिए भी जाना जाता है। कोरोना महामारी के शुरुआती दिनों में डॉक्टर्स ने पाया कि जिन लोगों में विटामिन-डी का स्तर कम था उनमें कोविड के गंभीर संक्रमण का जोखिम बढ़ गया था।
इसकी वजह से सोशल मीडिया पर विटामिन-डी को लेकर कई तरह की बातें देखने को मिलने लगीं। जिनमें से एक यह थी कि विटामिन-डी सप्लीमेंट कोविड संक्रमण से बचाने का काम कर सकता है। जिसके बाद लोगों ने यह बिना जानें कि उन्हें इसकी जरूरत है या नहीं, विटामिन की गोलियां खानी शुरू कर दीं।
इसी के बाद विटामिन-डी सप्लीमेंट को लेकर दो नए क्लीनिकल ट्रायर किए गए, जिसमें पाया गया कि Vitamin D का सेवन आपको कोरोना या किसी भी तरह के श्वसन संक्रमण से नहीं बचा सकता।
यूके में की गई रिसर्च
महामारी जिस वक्त चरम पर थी, उस वक्त यूके में यह रिसर्च की गई थी। इस दौरान 3,100 लोगों को विटामिन की डोज़ दी गई, जिनमें इसकी कमी थी। उनका प्रयास यह पता लगाने का था कि क्या इन सप्लीमेंट्स को लेने से कोरोना वायरस या किसी अन्य श्वसन संक्रमण से बचाव होगा।
परिणाम में क्या पता लगा
अध्ययनों में पाया गया कि विटामिन-डी सप्लीमेंट की चाहे उच्च खुराक, कम खुराक, या कॉड लिवर ऑयल के माध्यम से ली जाए, सामान्य रूप से तीव्र श्वसन संक्रमण (एआरआई) और विशेष रूप से कोरोना वायरस के जोखिम को कम नहीं करता।
रिसर्च से क्या समझ आता है
रिसर्च से ये साफ होता है कि कोविड-19 का जोखिम Vitamin D सप्लीमेंट से ख़त्म नहीं किया जा सकता। अगर आपको विटामिन-डी की कमी के संकेत महसूस होते हैं, तो अपना विटामिन-डी लेवल जानने के लिए टेस्ट ज़रूर कराएं। उसके बाद डॉक्टर से भी जांच कराएं। डॉक्टर ही आपको बताएंगे कि आपको Vitamin D की कितनी खुराक लेनी होगी और कब तक लोनी होगी। इससे आपके शरीर को नुकसान नहीं पहुंचेगा।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।