क्या फिर हो सकती है 'बत्ती गुल', बिजली संकट के बादल फिर गहराए
  • About Us
  • Advertisements
  • Terms
  • Contact Us
Friday, July 4, 2025
NavTimes न्यूज़
  • Home
  • चंडीगढ़
  • राज्य
    • पंजाब
    • हरियाणा
    • दिल्ली
    • उत्तरप्रदेश
    • उत्तराखंड
    • राजस्थान
    • महाराष्ट्र
    • जम्मू & कश्मीर
    • हिमाचल प्रदेश
  • राष्ट्रिय
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • मनोरंजन
  • खेल
  • लाइफस्टाइल
  • व्यापार
  • ऑटोमोबाइल्स
  • टेक्नोलॉजी
  • ज्योतिष
  • वीडियो
  • चमकते सितारे
  • Blogs
  • Home
  • चंडीगढ़
  • राज्य
    • पंजाब
    • हरियाणा
    • दिल्ली
    • उत्तरप्रदेश
    • उत्तराखंड
    • राजस्थान
    • महाराष्ट्र
    • जम्मू & कश्मीर
    • हिमाचल प्रदेश
  • राष्ट्रिय
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • मनोरंजन
  • खेल
  • लाइफस्टाइल
  • व्यापार
  • ऑटोमोबाइल्स
  • टेक्नोलॉजी
  • ज्योतिष
  • वीडियो
  • चमकते सितारे
  • Blogs
No Result
View All Result
Nav Times News
No Result
View All Result
Home व्यापार

क्या फिर हो सकती है ‘बत्ती गुल’, बिजली संकट के बादल फिर गहराए

नवटाइम्स न्यूज़ by नवटाइम्स न्यूज़
May 30, 2022
in व्यापार
0
बिजली संकट

नई दिल्ली। देश में एक बार फिर बिजली संकट गहरा सकता है और यह बिजली कटौती का कारण बन सकता है। शोध संगठन सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (सीआरईए) के अनुसार, जुलाई-अगस्त में बिजली संकट गहराने की आशंका है। ताप विद्युत संयंत्रों (Thermal Power Station) में मानसून से पहले कोयले का स्टाक कम होने के कारण यह संकट और गहराएगा। देश के सभी बिजली संयंत्रों में इस समय 20.7 मीट्रिक टन कोयला स्टाक है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि मानसून के आने के बाद खदानों से बिजली स्टेशनों तक कोयले के खनन और परिवहन में और बाधा आएगी। इसने यह भी कहा कि देश में हालिया बिजली संकट कोयला उत्पादन के कारण नहीं बल्कि सही तरह से वितरण नहीं होने के कारण उत्पन्न हुआ। कोयला परिवहन के लिए योजना बनाने की जरूरत है।

सीआरईए के आंकड़ों से पता चलता है कि कोयला बिजली संयंत्र, बिजली की मांग में मामूली वृद्धि को भी पूरी करने की स्थिति में नहीं हैं। सीआरईए ने अगस्त में 214 गीगावाट बिजली की अधिकतम मांग की भविष्यवाणी की है। औसत ऊर्जा मांग भी मई के महीने की तुलना में बढ़कर 1,33,426 मिलियन यूनिट (एमयू) हो सकती है।

7 साल बाद कोल इंडिया करेगी कोयला आयात

स्थिति यह बन रही है कि कई सालों बाद सरकारी कंपनी कोल इंडिया कोयले का आयात करेगी। इससे पहले 2015 में कोल इंडिया ने कोयला आयात किया था। तब देश में भीषण बिजली कटौती हो रही थी। अब फिर से बिजली कटौती की आशंका जताई जा रही है, जो गंभीर चिंता का विषय है।

बिजली उत्पादन के लिए यूपी नहीं खरीदेगा विदेशी कोयला

केंद्र सरकार के कहने के बावजूद उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने विदेशी कोयला नहीं खरीदने का निर्णय लिया। बता दें कि बिजली उत्पादन में विदेशी कोयले के इस्तेमाल से राज्य में प्रति यूनिट एक रुपया बिजली महंगी हो जाती।

Tags: bizbusinesscoal importIndia power crisispowerPower crisispower crisis deepenpower crisis in IndiaThermal Power Station
Advertisement Banner Advertisement Banner Advertisement Banner
नवटाइम्स न्यूज़

नवटाइम्स न्यूज़

Recommended

Hartek Group

आउटलुक इंडिया द्वारा भारत के शीर्ष 51 सिख बिजनेस लीडर्स में हरटेक ग्रुप के सिमरप्रीत सिंह शामिल|

2 years ago
Suryakumar Yadav

Suryakumar Yadav ने T20 रैंकिंग में लगाई लंबी छलांग, बाबर से निकले आगे, रिजवान की कुर्सी भी खतरे में

3 years ago
Facebook Twitter Instagram Pinterest Youtube Tumblr LinkedIn

Nav Times News

"भारत की पहचान"
Phone : +91 7837667000
Email: navtimesnewslive@gmail.com
Location : India

Follow us

Recent News

आईआईएफएल

आईआईएफएल होम फाइनेंस ने भुज में ग्रीन होमओनर्स का सम्मान किया

July 4, 2025
स्कूलों की स्थिति

स्कूल सीरीज: यूपी-एमपी के शासकीय स्कूलों की जमीनी हक़ीकत उजागर कर रहा बुंदेलखंड 24×7

July 4, 2025

Click on poster to watch

Bhaiya ji Smile Movie
Bhaiya ji Smile Movie

© 2021-2025 All Right Reserved by NavTimes न्यूज़ . Developed by Msasian Entertainment (MS GROUPE)

No Result
View All Result
  • Home
  • चंडीगढ़
  • राज्य
    • पंजाब
    • हरियाणा
    • दिल्ली
    • उत्तरप्रदेश
    • उत्तराखंड
    • राजस्थान
    • महाराष्ट्र
    • जम्मू & कश्मीर
    • हिमाचल प्रदेश
  • राष्ट्रिय
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • मनोरंजन
  • खेल
  • लाइफस्टाइल
  • व्यापार
  • ऑटोमोबाइल्स
  • टेक्नोलॉजी
  • ज्योतिष
  • वीडियो
  • चमकते सितारे
  • Blogs

© 2021-2025 All Right Reserved by NavTimes न्यूज़ . Developed by Msasian Entertainment (MS GROUPE)