आयुष्मान भारत व चिरायु (Chirayu) योजना के तहत इलाज के निजी अस्पतालों के करीब 300 करोड़ रुपये का भुगतान अटकने से रोषित आईएमए से जुड़े चिकित्सकों ने सरकार के खिलाफ बगावत का बिगुल बजा दिया है। सरकार द्वारा भुगतान रोकने व व पांच सालों में रेट न बढ़ाने से रोषित आईएमए की राज्य कमेटी के आह्वान पर प्रदेशभर में 15 मार्च की रात्रि से इन योजनाओं के तहत मरीजों का निजी अस्पतालों द्वारा उपचार नहीं किया जाएगा। आईएमए सिरसा से जुड़े चिकित्सकों ने भी राज्य कमेटी के इस निर्णय का समर्थन करते हुए अपना समर्थन दिया है।
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आईएमए सिरसा की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि प्रदेशभर के जिलों के निजी अस्पतालों का करोड़ों रुपए का भुगतान बाकी है। केंद्र सरकार ने योजना के तहत नए मूल्य लागू कर दिए हैं, लेकिन हरियाणा सरकार ने अभी तक नए मूल्य लागू नहीं किए हैं। इससे निजी अस्पतालों को नुकसान हो रहा है। प्रदेशभर के 525 निजी अस्पताल सरकारी पैनल में हंै, जो राशि नहीं मिलने से सरकार से खफा हैं।
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और तो और जो उपचार की राशि का बिल बनाकर सरकार को भेजा जाता है, उसमें भी कांट-छांट कर राशि भेजी जा रही है, जिससे अस्पतालों के खर्चे पूरे करना मुश्किल हो गया है। चिकित्सकों का कहना है कि पिछले पांच सालों में इन योजनाओं को लेकर कोई कमेटी नहीं बनाई गई और न ही कोई मीटिंग की गई है। आईएमए सिरसा इकाई ने सरकार को चेताते हुए कहा कि इस दौरान कोई अप्रिय घटना होती है तो उसके लिए सरकार जिम्मेवार होगी। (Chirayu)




