नई दिल्ली: बाल यौन शोषण सामग्री आनलाइन डाउनलोड और शेयर करने वालों के खिलाफ सीबीआइ ने बड़ी कार्रवाई की है। इंटरपोल के मार्फत न्यूजीलैंड से मिली जानकारी के आधार पर सीबीआइ ने शनिवार को आपरेशन ‘मेघ चक्र’ चलाकर 21 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 59 स्थानों पर छापे मारकर तलाशी ली। इस दौरान 50 लोगों के मोबाइल और लैपटाप की फारेंसिक जांच की गई, जिसमें कई में बाल यौन शोषण के प्रसार करने के सुबूत मिले हैं। इस मामले में सीबीआइ ने दो एफआइआर दर्ज की है। (CBIs)
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पिछले दिनों सिंगापुर स्थित इंटरपोल की विशेष इकाई क्राइम अगेंस्ट चिल्ड्रेन (सीएसी) ने सीबीआइ को भारत में कई लोगों द्वारा बाल यौन शोषण को डाउनलोड और शेयर किए जाने की जानकारी दी थी। इंटरपोल को यह जानकारी न्यूजीलैंड पुलिस की ओर से मिली थी। यह भी बताया गया था कि जांच एजेंसियों से बचने के लिए इस अपराध से जुड़े लोग क्लाउड आधारित स्टोरेज का इस्तेमाल करते हैं।
सीबीआइ ने 200 अधिकारियों की टीमें गठित कीं
इंटरपोल से मिली जानकारी के बाद सीबीआइ ने इस अपराध से जुड़े लोगों की पहचान करने के लिए 200 अधिकारियों की अलग-अलग टीमें गठित की थीं। लोगों की पहचान सुनिश्चित होने के बाद एजेंसी ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। पिछले साल भी सीबीआइ ने आपरेशन ‘कार्बन’ के तहत आनलाइन बाल यौन शोषण के खिलाफ कार्रवाई की थी। (CBIs)
दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश कई राज्यों में तलाशी
आपरेशन ‘मेघ चक्र’ के तहत सीबीआइ ने जिन स्थानों पर छापे मारे उनमें दिल्ली, हरियाणा में फतेहाबाद और फरीदाबाद, उत्तराखंड में देहरादून, झारखंड में रांची और धनबाद, उत्तर प्रदेश में हाथरस और महाराजगंज, बिहार में सिवान और भागलपुर, पंजाब में गुरुदासपुर और होशियारपुर और हिमाचल प्रदेश में मंडी शामिल है। छापे के दौरान 50 संदिग्धों के मोबाइल और लैपटाप के अलावा अन्य उपकरण बरामद किए गए हैं। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन उपकरणों की साइबर फारेंसिक टूल्स की मदद से तत्काल शुरुआती फारेंसिक जांच की गई। जिनमें कई में बड़ी संख्या में बाल यौन शोषण सामग्री मौजूद होने के संकेत मिले हैं। इनसे पूछताछ की जा रही है। फिलहाल इस मामले में किसी की गिरफ्तारी सूचना नहीं है। (CBIs)
ग्लोबल आपरेशन का नेतृत्व कर रही है सीबीआइ
सीबीआइ आनलाइन बाल यौन शोषण के खिलाफ ग्लोबल आपरेशन का नेतृत्व कर रही है। एजेंसी आपरेशन चक्र चला रही है जिसके तहत आनलाइन चाइल्ड पोर्नोग्रापी से जुड़े मामलों के अंतरराष्ट्रीय लिंक की पड़ताल की जाती है और इंटरपोल के माध्यम से संबंधित देश को उसकी जानकारी भेजी जाती है। इसके साथ ही बाल यौन शोषण रोकने के लिए इंटरपोल की मदद से सभी देशों की जांच एजेंसियों की मीटिंग भी बुलाई जाती है ताकि उनके बीच बेहतर समन्वय स्थापित हो और आरोपियों के खिलाफ तत्काल व सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
आपरेशन का नाम ‘मेघ चक्र’ क्यों?
बाल यौन शोषण के खिलाफ सीबीआइ ने अपने आपरेशन को ‘मेघ चक्र’ कोड नाम दिया था। ‘मेघ चक्र’ नाम देने के पीछे भी खास वजह है। जांच एजेंसी को सूचना मिली थी कि इस अपराध से जुड़े लोग क्लाउड स्टोरेज का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसलिए एजेंसी ने क्लाउड स्टोरेज को लक्षित कर अपना आपरेशन चलाया और इसी वजह से इसे ‘मेघ चक्र’ नाम दिया था।
भारत में बाल यौन शोषण के मामलों में 17 गुना वृद्धि
लोकसभा में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार देश में बाल यौन शोषण के मामलों में 17 गुना वृद्धि हुई है। वर्ष 2018 में बाल यौन शोषण के 44 मामले दर्ज किए गए थे जो 2020 में बढ़कर 738 पर पहुंच गए। इस तरह कोरोना संकट के दौरान इस मामले में 1,600 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसी तरह 2018 में इस संबंध में 36 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी, जबकि 2020 में 372 लोग गिरफ्तार किए गए। (CBIs)
बाल यौन शोषण के मामलों में उत्तर प्रदेश और केरल शीर्ष पर
बाल यौन शोषण के मामलों में उत्तर प्रदेश और केरल शीर्ष पर हैं। 2018-2020 के दौरान उत्तर प्रदेश में बाल यौन शोषण के सबसे अधिक 194 केस दर्ज किए गए। इसके बाद केरल का स्थान था जहां 146 मामले दर्ज किए गए। इसके अलावा केरल में 129, कर्नाटक में 126 मामले दर्ज हुए। अगर ऐसे मामलों में गिरफ्तारी की बात की जाए तो केरल में सबसे अधिक 139 लोगों को गिरफ्तार किया गया।