नोएडा : सुपरटेक के अवैध बने दोनों टावर को ध्वस्तीकरण की तिथि 22 मई तय है। अटकलें लग रही हैं कि ध्वस्तीकरण तिथि को आगे बढ़ाया जा सकता है। एडफिस इंजीनियरिग ने बिल्डर से दो माह का अतिरिक्त समय मांगा है। अब केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआइ) टीम दो दिनों से टावर का निरीक्षण कर रही है। ये देख रही है कि ध्वस्तीकरण से पहले अभी कितना काम हुआ और कितना बचा है। इसकी एक रिपोर्ट तैयार कर प्राधिकरण को देंगे। इसके बाद आगे की प्रक्रिया पर काम होने की संभावना है।
दोनों टावरों को ध्वस्त करने के लिए सुपरटेक और एडफिस कंपनी के बीच करार है। प्राधिकरण की निगरानी में कार्य हो रहा है। चूंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर टावर ध्वस्त हो रहे हैं, ऐसे में तिथि बढ़ाने को कोर्ट में हलफनामा दाखिल करना होगा। प्राधिकरण पहले ही कह चुका है कि वह खुद तिथि नहीं बढ़ा सकता। यदि ऐसा होता है तो यह अनुबंध का उल्लंघन होगा।
निरीक्षण में आए अधिकारियों का कहना है कि दो दिन से टावर में बचे हुए कामों को देख रहे है। सुरक्षा के लिहाज से इन टावरों को गिराने में कंपनी को और अधिक वक्त लग सकता है। करीब 60 दिन का अतिरिक्त समय लग सकता है। ऐसे में रिपोर्ट तैयार कर नोएडा प्राधिकरण को सौंपी जाएगी। 10 अप्रैल को दोनों टावर में टेस्ट ट्रायल हुआ था।
ट्रायल के बाद कंपनी ने बताया था कि इमारत काफी मजबूत है। इसे गिराने में काफी ज्यादा विस्फोटक लगेगा। वाइब्रेशन और विस्फोटक के लिए कंपनी ने आइआइटी चेन्नई को चुना था। इसकी रिपोर्ट आ गई है। ऐसे में अब नया ब्लास्ट डिजाइन तैयार हो रहा है। इसके अनुसार प्लानिग में थोड़ा बदलाव होगा। ऐसे में अतिरिक्त समय लग सकता है। टावरों को ग्रीन शीट से ढंक दिया गया है, ताकि धूल से बचाव हो सके। 12 फ्लोर तक ड्रिलिग का काम भी हो चुका है।