देश में सेंट्रल इनवेस्टिगेटिव एजेंसीज Central Investigation Agency द्वारा दो बार करी गई छापेमारी के द्वारा PFI आर्गेनाईजेशन से जुड़े 300 से भी ज्यादा वर्कर्स और नेताओ को लिया गया हिरासत में| PFI आर्गेनाईजेशन सबसे खतरनाक टेररिस्ट आर्गेनाईजेशन (ISIS) से भी जुडी हुई हैं| इसका मकसद हमारे देश के लोगो के बीच डर पैदा करना हैं| सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा PFI (पॉपुलर फण्ड ऑफ़ इंडिया) और इस आर्गेनाईजेशन से जुड़े सभी आर्गेनाईजेशन पर सरकार ने आज सुबह 05:43 पर पांच साल की पाबन्दी लगा दी गई हैं| साथ ही होम मिनिस्ट्री ने इस आर्गेनाईजेशन से जुड़े सभी खुनी खेल और काले कारनामो की एक लम्बी लिस्ट भी ज़ारी की हैं जिसमे PFI द्वारा की गई हत्याओं को अंजाम दिया गया हैं| इन मामलो को देखते हुए साफ़ ज़ाहिर होता हैं की इस आर्गेनाईजेशन का तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक समेत और भी काफी राज्यों के खुनी हत्याओं में PFI का हाथ था|
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रामलिंगम, नंदू, रुद्रेश, पुजारी, नेट्टारू की हत्याओं में था PFI का हाथ
अधिसूचना में यह कहा गया हैं की देश में पिछले कुछ महीनो से राज्यों में हो रही हत्याओं में PFI का ही हाथ था| इनमें केरल में अभिमन्यु की 2018ए संजीथ की नवंबर 2021 में और नंदू की 2021 में हुई हत्याएं, तमिलनाडु में 2019 में रामलिंगम, 2016 में शशि कुमार की हत्या, कर्नाटक में 2017 में शरथ, 2016 में आर. रुद्रेश, 2016 में ही प्रवीण पुजारी और 2022 में प्रवीण नेट्टारू की खुनी हत्याओं में इसी आर्गेनाईजेशन का हाथ रहा है।
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आपको बता दिया जाए की NIA, ED और अलग अलग राज्यों की पुलिस ने पीआईएफ के खिलाफ एक हफ्ते में पूरे देश में इन्वेस्टीगेशन Central Investigation के दौरान पुलिस अधिकारियो ने इस आर्गेनाईजेशन से जुड़े 300 से अधिक लोगो को गिरफ्तार किया हैं| इसकी जांच 22 और 27 सितंबर को की गई थी। 22 सितंबर को छापेमारी में 106 पीएफआई वर्कर्स व नेता गिरफ्तार हुए थे, लेकिन 27 सितंबर को इनकी संख्यादर बढ़कर 247 हो गई थी और इनको गिरफ्तार कर लिया गया या फिर हिरासत में ले लिया गया था।