नई दिल्ली। चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास लद्दाख में वायुसेना का बुनियादी ढाचा मजबूत किया जाएगा। राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (एनबीडब्ल्यूएल) की स्थायी समिति ने लद्दाख में वायुसैनिक अड्डे को विकसित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। यह वायुसैनिक अड्डा लद्दाख के चांगथांग वन्यजीव अभयारण्य के पास 508 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित किया जाएगा। एनबीडब्ल्यूएल ने चांगथांग और काराकोरम वन्यजीव अभयारण्यों में नौ और रणनीतिक परियोजनाओं को भी मंजूरी दी। (Ladakh)
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में एनबीडब्ल्यूएल की स्थायी समिति ने 29 जुलाई को प्रस्ताव को मंजूरी दी। स्थायी समिति ने अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगभग 40-50 किलोमीटर दूर पूर्वी लद्दाख में चांगथांग अभयारण्य की 1259.25 हेक्टेयर भूमि को माहे फील्ड फायरिंग रेंज (एमएफएफआर) को इस्तेमाल करने की मंजूरी दी। इस समय पूरे पूर्वी लद्दाख सेक्टर में एकमात्र फायरिंग रेंज है जहां सभी प्रकार के हथियारों से फायरिंग की जा सकती है।
मौजूदा वक्त में माहे फील्ड फायरिंग रेंज पूर्वी लद्दाख सेक्टर में एकमात्र फायरिंग रेंज है जहां सभी प्रकार के हथियारों से फायरिंग की जा सकती है। स्थायी समिति ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में तीन प्रमुख सड़कों को अपग्रेड करने के प्रस्तावों को भी मंजूरी प्रदान की है। इनमें 107.406 हेक्टेयर भूमि चांगथांग वन्यजीव अभयारण्य से टी-सालू चांगचेमो रोड के निर्माण के लिए और 27.5 हेक्टेयर भूमि काराकोरम वन्यजीव अभयारण्य से खालसर-अघम सड़क के लिए दी जानी है। (Ladakh)
इसके अलावा चांगथांग और काराकोरम वन्यजीव अभयारण्यों में आप्टिकल फाइबर केबल बिछाने की अनुमति दी गई है। वहीं समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने गुरुवार को परिचालन तैयारियों को तेज करने की आवश्यकता पर जोर दिया। वह पूर्वी वायु कमान के कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कमांडरों को मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य, भू-राजनीतिक स्थिति और विभिन्न आकस्मिकताओं से निपटने में वायुसेना की भूमिका से अवगत कराया। एयर चीफ मार्शल चौधरी ने चौबीसों घंटे उच्च परिचालन तत्परता बनाए रखने और क्षमता वृद्धि पर ध्यान बनाए रखने को भी कहा। वायु सेना प्रमुख ने संचालन, रखरखाव और प्रशासन के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए वायुसैनिक स्टेशनों को ट्राफियां भी प्रदान कीं।