सिरसा।।(सतीश बंसल) क्लेरिकल एसोसिएशन (Clerical Union) वेलफेयर सोसाइटी (सीएडब्ल्यूएस) ने मुख्यमंत्री द्वारा कर्मचारियों से की गई वायदाखिलाफी के विरोध में संघर्ष दिवस मनाया। यूनियन के जिला प्रधान गौरव बजाज व कार्यकारिणी सदस्य राजेश भुक्कल ने बताया कि 15 अगस्त स्वतन्त्रता दिवस की रात्रि को यूनियन की मुख्यमंत्री से बात हुई थी, जिसमें नो वर्क-नो पे के आदेश को रद्द करने व हड़ताल के समय को ड्यूटी समय माने जाने बारे तथा समक्षी कमेटी गठित करने पर सहमति हुई थी। उन्होंने बताया कि 20 से अधिक दिन का समय बीत जाने के बाद भी अभी तक समीक्षा सरकार व संबंधित अधिकारियों की ओर से समीक्षा कमेटी का ही गठन किया गया है।
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सरकार ने अभी तक नो वर्क-नो पे का आदेश अभी तक रद्द नहीं किया है और न ही हड़ताल के समय को ड्यूटी समय माने जाने बारे कोई पत्र जारी किया गया है। गौरव बजाज ने बताया कि सरकार ने विगत दिवस एक पत्र जारी किया है, जिसमें हड़ताल के 42 दिन के कार्यकाल को छुट्टियों में दिखाया गया है, जबकि सहमति बनी थी कि एक सप्ताह की छुट्टी व बाकि दिनों को ड्यूटी पीरियड माना जाएगा। जोकि सरासर कर्मचारियों से वायदाखिलाफी है। उन्होंने बताया कि उन्होंने 35400 वेतनमान के लिए संघर्ष शुरू किया था। सरकार ने बातचीत के बाद 3 माह का समय कर्मचारियों को दिया था, लेकिन करीब एक माह का समय बीतने को है, लेकिन सरकार अभी तक कर्मचारियों की मांगों को लेकर गंभीर नहीं है। (Clerical Union)
उन्होंने सरकार को चेताते हुए कहा कि अगर सरकार ने कर्मचारियों की वेतनमान संबंधी मांग पर गंभीरता नहीं दिखाई और हठधर्मिता जारी रखी तो कर्मचारियों को फिर से संघर्ष के रास्ते पर आना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस बार आश्वासन से नहीं, बल्कि सरकार से आर-पार की लड़ाई होगी। उन्होंने बताया कि 15 सितंबर को कर्मचारी धोखा दिवस भी मनाएंगे। इस मौके पर सतीश ढाका, प्रमोद कंबोज, रणधीर, विनोद गोदारा, साहिल बागड़ी, कपिल शर्मा, राजेश भारद्वाज, प्रमोद ढिल्लो, बलजीत सिंह, राजेश सेठी, सरोज कंबोज, सुमन, पिंकी, मनप्रीत सहित अन्य कर्मचारी उपस्थित थे। (Clerical Union)
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