लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM योगी) ने भीषण गर्मी और लू के मौसम में प्रदेशवासियों को तय शेड्यूल से बिजली न मिलने की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए पावर कारपोरेशन को निर्देश दिया है कि जो कुछ भी करना हो उसे तत्काल करें लेकिन कहीं भी अनावश्यक बिजली की कटौती कतई न की जाए।
बिजली आपूर्ति के मामले में पावर कारपोरेशन प्रबंधन की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कई क्षेत्रों में रोस्टर के अनुरूप बिजली आपूर्ति न होने की शिकायतों के मद्देनजर सोमवार को लोक भवन में ऊर्जा विभाग की बैठक बुलाई थी।
मुख्यमंत्री ((CM योगी)) ने कहा कि बिजली आपूर्ति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त बिजली की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि ऊर्जा विभाग व पावर कारपोरेशन सुनिश्चित करे कि गांव हो या शहर, कहीं भी अनावश्यक बिजली कटौती करने के बजाय पहले से तय रोस्टर के अनुसार बिजली की आपूर्ति हो।
मुख्यमंत्री योगी ((CM योगी)) ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में प्रदेश के हर गांव, नगर, मजरे तक बिजली पहुंची है। हम प्रदेश में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए संकल्पित हैं। जिन घरों में अभी बिजली कनेक्शन नहीं है उन्हें पात्रता के अनुसार सौभाग्य योजना से कनेक्शन दिया जाए। उन्होंने कहा कि नगरों में तेजी से स्मार्ट मीटर लगाए जाएं। सीएम ने कहा कि बिजली उत्पादन के लिए कोयले की उपलब्धता सतत बनाए रखी जाए।
प्रदेश में अभी कोयले की कमी नहीं है लेकिन मांग के अनुरूप कोयले की आपूर्ति बनाए रखने के लिए भारत सरकार से नियमित संवाद बनाए रखा जाए। उन्होंने कहा कि झूलते-लटकते बिजली के तारों का संजाल न केवल शहरों की सुंदरता खराब करते हैं बल्कि उनसे आए दिन दुर्घटना भी होती रहती हैं। ऐसे में बिजली के तारों को भूमिगत करने का काम और तेज किया जाए।
ट्रांसफार्मर के खराब होने या तार आदि के टूटने की समस्या का तत्काल समाधान किया जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बिजली आपूर्ति बनाए रखने के लिए बिल का भुगतान भी जरूरी है। बिजली उपभोक्ताओं की भी जिम्मेदारी है कि वे समय से बिल का भुगतान करें। इसके लिए ठोस कार्ययोजना बनाकर सही बिल समय से उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराए जाएं।
ओवरबिलिंग या देर से बिल देने से उपभोक्ता परेशान होते हैं। वह बिल जमा करने के प्रति उत्साहित नहीं होता। बिजली कंपनियां कनेक्शन काटने के बजाए बकायेदारों से लगातार संपर्क और संवाद करें। गांवों में स्वयं सहायता समूहों या बीसी सखी के माध्यम से बिल संकलन के अलावा बिजली बिल कलेक्शन सेंटर बनाए जाने पर भी विचार किया जाए। उऩ्होंने कहा कि बिजली चोरी रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं ताकि लाइन लास न्यूनतम रहे। बकायेदारों के लिए एकमुश्त समाधान की योजना लागू की जाए।
बड़ी धनराशि के बिलों का भुगतान किस्तों में जमा करने की सुविधा देने पर भी विचार किया जाए। इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, कृषि उत्पादन आयुक्त एवं अपर मुख्य सचिव ऊर्जा आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज, उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम एवं पारेषण निगम के प्रबन्ध निदेशक पी गुरुप्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
मांग के मुताबिक नहीं है बिजली : पारा चढ़ने के साथ ही बिजली की मांग तो बढ़ती जा रही है लेकिन बिजली की उपलब्धता नहीं है। सूत्रों के मुताबिक इनदिनों बिजली की मांग 23 हजार मेगावाट से भी ऊपर पहुंच गई है लेकिन उपलब्धता 20 हजार मेगावाट से भी कम है।
पावर एक्सचेंज से 12 रुपये यूनिट पर भी बिजली जरूरत के मुताबिक उपलब्ध नहीं है। कोयले की कमी और अन्य तकनीकी दिक्कतों से राज्य की दो हजार मेगावाट बिजली उत्पादन की यूनिटें बंद भी हैं। ऐसे में प्रदेशवासियों को फिलहाल कुछ घंटे बिजली कटौती से जूझते रहना होगा।
गौरतलब है कि राज्य क बड़े शहरों व जिला मुख्यालयों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति के अलावा गांवों में 18 घंटे, बुंदेलखंड में 20, तहसील-नगर पंचायत क्षेत्रों में 21.30 घंटे आपूर्ति का रोस्टर है लेकिन इनदिनों बड़े शहरों को छोड़ सभी क्षेत्रों में दो-तीन घंटे से भी अधिक बिजली कटौती हो रही है। लोकल फाल्ट के चलते तो कई क्षेत्रों में कहीं ज्यादा देर बिजली गुल रहती है।