लखनऊ। पुरोहित कल्याण बोर्ड: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लोक कल्याण संकल्प पत्र में संकल्प सिर्फ इतना था कि आनलाइन एकीकृत मंदिर सूचना प्रणाली मंदिर बनाएंगे, जिसमें मंदिरों का विवरण होगा। बुजुर्ग संतों, पुजारियों और पुरोहितों के लिए कल्याण बोर्ड बनाया जाएगा। मगर, जब इन घोषणाओं को धरातल पर उतारने की बारी आई तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सामाजिक समरसता की राह पर कहीं आगे खड़े दिखाई दिए।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्णय लिया है कि बुजुर्ग संतों और पुरोहितों के लिए बनाया जा रहा पुरोहित कल्याण बोर्ड मौलवियों और फकीरों को भी लाभान्वित करेगा। इसी तरह मंदिर सूचना प्रणाली में बौद्ध, जैन और सिख संप्रदाय के धर्मस्थल भी शामिल होंगे, जबकि मस्जिदों के लिए अलग से विशेष पोर्टल बनेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अपने सरकारी आवास पर लोक कल्याण संकल्प पत्र 2022 में शामिल संकल्पों के संबंध में विभिन्न विभागों के प्रस्तुतीकरण देखे। आनलाइन एकीकृत मंदिर सूचना प्रणाली का प्रस्तुतीकरण देखने के बाद उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जन आस्था का सम्मान करते हुए सरकार धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहित कर रही है।
उन्होंने कहा कि लोक कल्याण संकल्प पत्र 2022 में आनलाइन एकीकृत मंदिर सूचना प्रणाली की शुरुआत का संकल्प है। इसे जल्द शुरू किया जाए। आनलाइन पोर्टल में हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन आदि धर्म-संप्रदायों से जुड़े धर्मस्थलों के बारे में विस्तार से जानकारी उपलब्ध हो। हर जिले के धर्मस्थल का विवरण इस पर दिया जाए।
धर्म, पंथ, संप्रदाय की विशिष्ट परंपरा का भी उल्लेख हो, ताकि अधिक से अधिक लोग प्रदेश की विविधतापूर्ण धार्मिक-आध्यत्मिक प्रकृति से परिचित हो सकें। योगी ने निर्देश दिया कि इसी प्रकार मस्जिदों के बारे में भी संबंधित विभाग द्वारा विशिष्ट पोर्टल बनाया जाए और दोनों पोर्टल को एकीकृत भी किया जाए। यह पोर्टल बन जाने के बाद एक क्लिक पर किसी भी धर्म स्थल के संबंध में संपूर्ण जानकारी और रूट मैप का ब्योरा मिल जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बैठक में पुरोहित कल्याण बोर्ड को लेकर भी महत्वपूर्ण निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि लोक कल्याण संकल्प पत्र के अनुसार बुजुर्ग संतों, पुजारियों और पुरोहितों के कल्याण के लिए पुरोहित कल्याण बोर्ड का गठन किया जाना है। इस बोर्ड से लाभान्वित होने के योग्य सभी धर्मों के संतों, पुजारियों का सत्यापन और चिन्हांकन जल्द कर लिया जाए।
संतों और पुरोहितों के साथ ही मौलवियों व फकीरों को भी इस बोर्ड के माध्यम से लाभान्वित किया जाएगा। यह बोर्ड कल्याण कार्यों के साथ ही विभिन्न धर्म-संप्रदायों की परंपरा का संरक्षण और पुरोहितों का प्रशिक्षण भी कराएगा। उन्होंने मंदिर सूचना प्रणाली और बोर्ड को भी एकीकृत करने का निर्देश दिया।