बॉलीवुड संगीतकार, लेखक तथा वॉइस ऑवर आर्टिस्ट Rahul Seth का विशेष संवाद नव टाइम्स न्यूज़ के साथ
सबसे पहले तो आप थोड़ा हमे अपने बारे में बताएं आप कहां के रहने वाले हैं आपका बचपन कैसा बीता आप क्या बनने की इच्छा रखते थे?
राहुल:- जैसा कि आप जानते हैं मेरा नाम राहुल सेठ है और मैं मूल रूप से लखनऊ का रहने वाला हूं लेकिन मैं ज्यादा समय तक लखनऊ में नहीं रहा मैं अपने परिवार के साथ ‘पूर्वी अफ़्रीका’ के ज़ाम्बिया शहर में चला गया था जहां मेरा बचपन बीता ओर मेने वहीं पर अपनी पढ़ाई पूरी करी वहां अफ्रीकन संगीत तथा रैप मुझे पसंद आता था (Rahul Seth) मैं भी वहां के लोगों के साथ अफ्रीकन संगीत गाता तथा उन्हीं की तरह ड्रम वगैरा बजाता था और वहीं मैंने सोच लिया था कि आगे जाकर मैं संगीत के क्षेत्र में ही आगे बढूंगा और जब मैं भारत आया तो मैंने संगीत को ही अपने करियर के रूप में चुना।
आपने अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत कैसे करी?
राहुल:- जैसा मैंने बताया कि भारत आने से पहले मैं अफ्रीका मे ही वहां के लोगों के साथ लाइव शो तथा अफ्रीकन रैप वगैरा किया करता था और जब मैं भारत आया तो मैंने सबसे पहले विज्ञापनों में गाने गाए मैंने लगभग दो-ढाई हजार विज्ञापनों में काम किया है और कर रहा हूं. उस समय रैप का भारत में नया चलन शुरू हुआ था और (Rahul Seth) मैं अफ्रीकन रैप करता था जो यहां के लोगों को बहुत पसंद आता था इसी तरह काम करते-करते मेरे बॉलीवुड करियर की शुरुआत हुई और मैंने फिल्म “हम आपके दिल में रहते हैं” के (धिंगतारा-धिंगतारा) गाने में अपना पहला रैप किया जो अफ्रीकन स्टाइल में था वह लोगों को काफी पसंद आ रहा था क्योंकि उनके लिए यह सब नया था वही से धीरे-धीरे मुझे अलग अलग फिल्मों में काम मिलने लगा जिसके बाद मैंने ‘यमला पगला दीवाना’, ‘वादा रहा’, ‘रफू चक्कर’ जैसी कई फिल्मों में काम किया और कर रहा हूं ।
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जैसा कि आप एक संगीतकार एक लेखक और एक वॉइस अवर आर्टिस्ट है तो इन सब में से आपका पसंदीदा काम कौन सा है?
राहुल:- मेरा यह मानना है कि यह सारे काम एक दूसरे से जुड़े हुए जैसे एक रूबिक क्यूब (Rubik Cube) होता है जिसमें तरह तरह के रंग होते हैं जिसको हमें घुमा फिरा कर पुरा करना होता है यदि उसमें एक भी क्यूब रह जाता है तो वह बिल्कुल अधूरा होता है उसी तरह इस इंडस्ट्री का भी है संगीत, लेखनी, निर्देशकी या निमार्ण यह सब एक दूसरे के बिना अधूरे होते हैं और यदि (Rahul seth) मैं इनमें फर्क की बात करूं तो किसी भी रचना का अपना एक महत्व होता है हम उनमें फर्क बता कर अलग-अलग नहीं कर सकते या किसी को भी बड़ा यह छोटा नहीं बना सकते।
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आपको इंडस्ट्री में इतने वर्ष हो चुके हैं जिसमें आपने कई उतार चढ़ाव तथा संघर्ष देखा तो क्या आप अपने पुराने दिनों को याद करते हैं?
राहुल:- मेरा यहां मानना है कि अगर आपको जीवन में वाकई कुछ पाना है या हासिल करना फिर संघर्ष तो करना होगा कठिनाइयां तो आएंगी ही जीवन में अगर मैं उदाहरण देकर कहूं तो यदि आप किसी अंधेरे कमरे में जाते हैं जहां बिल्कुल अंधेरा हो जहां आप उजाले के लिए तरस रहे हो और यदि वहां एक दीप जल उठे तो जब वह दीपक जलने के बाद आपको जो संतुष्टि मिलती हैं वह खुशी आपके संघर्ष को बयां करती है. और मैं अपने पुराने दिनों की बात करूं तो मैं वह समय या वह पुराने दिन बिल्कुल याद नहीं करता क्योंकि मेरा यह मानना है कि वह वक्त चला गया उसे वापस नहीं जीया जा सकता उसे भूल कर आगे बढ़ना चाहिए इसलिए मैं हमेशा आज मैं जीता हूं वह वक्त आया और चला गया उसे याद करने का अब कोई मतलब नहीं मैं जीवन का हर एक पल जीने में विश्वास रखता हूं।
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जो इस बॉलीवुड इंडस्ट्री में आगे बढ़ना चाहते हैं या इस इंडस्ट्री से जुड़ना चाहते हैं आप उनको क्या सुझाव देते हैं?
राहुल:- इस विषय पर( Rahul Seth)मैं यही कहना चाहूंगा कि यदि आप इस इंडस्ट्री में आगे बढ़ना चाहते हैं तो सबसे पहले तो उन लोगों से सिखे जो पहले से ही वह काम कर रहे हैं जो आप करना चाहते हैं इस इंडस्ट्री में सबसे जरूरी है इमानदारी वह सच्चाई. इस भ्रम में ना रहे कि मैं इंडस्ट्री मे आने के बाद रातों रात ही सब कुछ पा लूंगा आज की तकनीक की केवल मदद लें उसी पर निर्भर न हो जाए नहीं तो वह ज्यादा समय तक साथ नहीं देता और सबसे जरुरी बात जीवन में जो कुछ भी हासिल करना चाहते हैं उसके लिए समझौता ना करें नहीं तो जीवन भर हर चीज़ में समझौता करते रह जाएंगे और जिंदगी बीत जाएगी।
“राहुल सेठ” के साथ विशेष साक्षात्कार हमारे संवाददाता “पिंटू राय” द्वारा किया गया।