मेरठ। मेरठ के पूर्व थानाध्यक्ष हस्तिनापुर धर्मेंद्र सिंह के खिलाफ एंटी करप्शन को आय से अधिक संपत्ति के साक्ष्य मिले है। जांच रिपोर्ट पर शासन ने दारोगा के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति दे दी है। बुधवार को मेडिकल थाने में दारोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
इनदिनों लखनऊ में है तैनाती
आगरा के नई आबादी भोपाल कुंज निवासी दारोगा धर्मेंद्र सिंह हाल में मेडिकल के शास्त्रीनगर में परिवार के साथ रहते है। उनकी हाल में तैनाती लखनऊ में चल रही है। धर्मेंद्र सिंह ने हस्तिनापुर में थाना अध्यक्ष रहते हुए आलीशान फार्म हाउस बनाया था। 29 सितंबर 2020 को धर्मेंद्र के फार्म हाउस की पोल खुल गई थी, जिसके बाद शास्त्रीनगर स्थित धर्मेंद्र के फ्लैट में बिजली चोरी भी पकड़ी गई थी। इसका मुकदमा भी बिजली विभाग की तरफ से दर्ज कराया था। हालांकि बिजली के बिलों का भुगतान करने के बाद उस मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई थी। तभी धर्मेंद्र सिंह की जांच एंटी करप्शन को दे दी गई थी।
जांच में सही पाए गए आरोप
दरअसल, धर्मेंद्र सिंह पर अलीगढ़ में रहते हुए भी भ्रष्टाचार का आरोप लगा था। वहां भी धर्मेंद्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है। एंटी करप्शन की जांच में धर्मेंद्र के खिलाफ एक के बाद एक सबूत मिलते गए और पुलिस कार्रवाई करती रही। शनिवार को एंटी करप्शन के डीआइजी राजीव मलहोत्रा ने प्रेस कान्फ्रेस में धर्मेंद्र सिंह के खिलाफ जांच के दौरान पुख्ता सबूत मिलने का दावा किया था। उन पर आय से अधिक संपत्ति के आरोप लगे थे, जो एंटी करप्शन की जांच में सही पाए गए हैं। तभी एंटी करप्शन की तरफ से धर्मेंद्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए शासन से अनुमति मांगी थी। शासन से अनुमति मिलने के बाद मेडिकल थाने में एंटी करप्शन के निरीक्षक अशोक कुमार की तरफ से दारोगा धर्मेंद्र के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली गई है।
इनका कहना है
एंटी करप्शन के इंस्पेक्टर की तरफ से दी गई तहरीर पर दारोगा धर्मेंद्र के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कर लिया है। उन पर आय से अधिक संपत्ति का आरोप लगा था।
– विनीत भटनागर, एसपी सिटी