सिरसा।(सतीश बंसल इंसां )पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने बताया है कि आज के समय में बच्चों को इंटरनेट (Online) से दूर रख पाना बेहद ही मुश्किल हो गया है। स्कूल की पढ़ाई से लेकर गेमिंग व सोशल मीडिया पर बच्चे अपना काफी सारा वक्त मोबाइल पर ही बिताते हैं। इतना ही नहीं, जब से ऑनलाइन स्टडी का चलन बढ़ा है, तब से तो बच्चों के पास अलग से मोबाइल फोन व लैपटॉप की सुविधा हो गई है। ऐसे में बच्चे अपने खाली समय में इंटरनेट पर क्या कर रहे हैं, इसके बारे में पैरेंट्स को पता होना चाहिए । कई मायनों में इंटरनेट का प्रयोग बेहद खतरनाक साबित हो रहा है।
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पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने कहा कि साइबर बुलिंग से लेकर बच्चे इंटरनेट पर ऐसा काफी कुछ देखते हैं, जिससे बच्चों के मस्तिक पर काफी बुरा असर पड़ता है,इसलिए बच्चे कम उम्र में ही हिंसक व गुस्सैल बन जाते है,जोकि बच्चों के लिए बेहद ही घातक साबित हो रहा है। बच्चों के लिए इंटरनेट या गैजेट्स को यूज करने से तो नहीं रोका जा सकता परंतु इसके लिए अभिवावकों को चाहिए की बच्चों को इंटरनेट के हानिकारक प्रभाव तथा इंटरनेट सेफ्टी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण टिप्स बताने चाहिए,ताकि भविष्य में बच्चों के साथ किसी प्रकार के साइबर फ्रॉड से संबंधित अपराधों की पुनरावृति न होने पाए । (Online)
पुलिस अधीक्षक ने विक्रांत भूषण ने बताया कि जब बात इंटरनेट सेफ्टी टिप्स की है तो ऐसे में सबसे पहला और जरूरी स्टेप है कि बच्चे को इंटरनेट के साइड इफेक्ट्स के बारे में बताएं। इसके लिए कुछ यू ट्यूब वीडियोज आदि का भी सहारा लेकर बच्चों को समझाया जा सकता है। आप उन्हें बताएं कि अपनी पर्सनल जानकारी इंटरनेट (Online) पर किसी अनजान व्यक्ति के साथ शेयर नही करना चाहिए और न ही मोबाइल फोन पर आए किसी संदिग्ध लिंक या अन्य वेबसाइट को क्लिक न करें क्योंकि ऐसा करने से साइबर ठगी के शिकार हो सकते है ।
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उन्होंने बताया कि जब बच्चों को पहले से ही इंटरनेट के हानिकारक प्रभावों के बारे में पता होगा, तो वे खुद ब खुद इसे समझदारी से इस्तेमाल करेंगे। पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने बताया कि आज के समय में बच्चे इंटरनेट पर क्या देखते हैं, इसके बारे में पैरेंट्स को पता ही नहीं होता है । लेकिन अगर आप बच्चे को इंटरनेट के नेगेटिव इफेक्ट से बचाना चाहते हो तो ऐसे में उनकी ऑनलाइन (Online) एक्टिविटी को सुपरवाइज करना बेहद आवश्यक है। आप बच्चे की डाटा यूज हिस्ट्री से लेकर ऐप्स व वेबसाइट्स को भी अवश्य रिव्यू करें। इससे आपको यह पता होगा कि बच्चा इंटरनेट पर क्या करता है।