लखनऊ। डांस का कार्यक्रम रद्द करने व टिकट का पैसा भी वापस नहीं करने के एक मामले में वांछित मशहूर डांसर सपना चौधरी ने मंगलवार को अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण किया। साथ ही अंतरिम जमानत पर रिहा करने की गुहार लगाई। एसीजेएम शांतनु त्यागी ने 25 मई तक के लिए अभियुक्ता सपना चौधरी को सशर्त अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। इनकी नियमित जमानत अर्जी पर उसी दिन सुनवाई होगी।
सपना चौधरी मंगलवार को दोपहर करीब साढ़े 12 बजे अदालत पहुंची थी। उन्होंने आत्मसमर्पण के साथ ही जमानत अर्जी भी पेश किया। अदालत ने इन्हें न्यायिक अभिरक्षा में लेने का आदेश दिया। फिर इनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस के बाद सशर्त अंतरिम जमानत अर्जी मंजूर की। करीब पांच बजे अभियुक्ता सपना चौधरी रिहा हुईं।
17 नवंबर, 2021 को इस मामले में सपना चौधरी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था। जबकि इससे पहले सपना चौधरी की डिस्चार्ज अर्जी खारिज हो गई थी। 23 नवंबर, 2021 को सपना चौधरी ने गिरफ्तारी वांरट निरस्त करने की मांग की थी। अदालत ने उनकी इस अर्जी को खारिज कर दिया था। फिर 21 दिसंबर, 2021 को सत्र अदालत से सपना चौधरी की अग्रिम जमानत की अर्जी भी खारिज हो गई थी।
अदालत आरोप पत्र पर ले चुकी है संज्ञान : एक मई, 2019 को इस मामले में सपना के खिलाफ किसी व्यक्ति के विश्वास का हनन व धोखाधड़ी करने के मामले में आरोप पत्र दाखिल हुआ था। जबकि 20 जनवरी, 2019 को इस कार्यक्रम के आयोजक जुनैद अहमद, इवाद अली, अमित पांडेय व रत्नाकर उपाध्याय के खिलाफ आइपीसी की धारा 406 व 420 में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। अदालत सपना समेत अन्य सभी अभियुक्तों के खिलाफ दाखिल आरोप पत्र पर संज्ञान ले चुकी है। अब सपना समेत सभी अभियुक्तों पर आरोप तय होना है।
ये है मामला
मामला : 13 अक्टूबर, 2018 को स्मृति उपवन में दोपहर तीन बजे से रात्रि 10 बजे तक सपना समेत अन्य कलाकारों का कार्यक्रम था। जिसके लिए प्रति व्यक्ति तीन सौ रुपए में आनलाइन व आफलाइन टिकट बेचा गया था। इस कार्यक्रम को देखने के लिए हजारों टिकट धारक मौजूद थे, लेकिन रात्रि 10 बजे तक सपना नहीं आईं तो उन्होंने हगांमा कर दिया। इसके बाद टिकट धारकों का पैसा भी वापस नहीं किया गया। 14 अक्टूबर, 2018 को इस मामले की नामजद एफआइआर एसआइ फिरोज खान ने थाना आशियाना में दर्ज कराई थी।