Dark and Lovely Cream in India : काले – काले मुखड़े पर गोरा – गोरा चश्मा……काले रंग पर इतना ना गुमान कर ….काला रंग दो दिन में ढल जाएगा !
भारत के गीतकार क्यों लिख रहे होते ऐसे गीत व भला भारत के गायक क्यों गा रहे होते इस तरह के गीत ओर क्यों भारत में दर्जनों के हिसाब से बिक रही होती ‘डार्क एंड लवली’ ?
क्यों लोग गेंहू के रंग तलबगार होते, क्यों लोग गेंहू के रंग के होना चाहते ? क्यों हर रोज़ प्रयोग कर रहे होते ‘डार्क एंड लवली’ ? भारत में अखबारों के वर्गीकृत वैवाहिक विज्ञापान में क्यों गोरी, सुंदर, शुशील वधु चाहिए की जगह क्यों लिखा होता केवल सुंदर, शुशील वधु चाहिए ?
इस की वजह हमारी भाषा, संस्कृति, धर्म , पूर्वज , भगवान , शैतान, हैवान इन में से कोई भी नहीं है ।
इन सब की वजह है बाबर का बेटा अकबर ! कैसे ? ये भी जाने लेते है ! बाबर का बेटा बहुत ताकतवर था। अगर अकबर ने सोचा होता की बहुत चला लिए रसिया तक सिक्के ,बहुत उतार लिए समंदर में लश्कर । अब हम यूरोप पर चलों कब्ज़ा कर लेते है ।
इंसानी फ़ितरत है की वह हमेशा ही उस के जैसे बनना चाहता है जो उस से ज्यादा ताक़तवर हो. जो उस पर राज करता है इंसान (Dark and Lovely Cream in India) एक दम उस के जैसा बनना चाहता है ।
अकबर ने यूरोप पर अगर कब्ज़ा कर लिया होता तो शायद कई सौ सालों बाद यूरोप भारत पर कब्ज़ा नहीं कर पता , हम अंग्रेजो की नकल नहीं कर रहे होते । आज यूरोपियन हमारी नकल कर रहे होते है और वह हमारी तरह गेहूं के रंग के होना चाहते जैसे की आज हम अंग्रेजों की तरह गोरे होना चाहते है । इसलिए आज भारत में बिक रही होती ‘ डार्क एंड लवली’ भारत के गायक गा रहे होते और भारत के गीताकार कर लिख रहे होते ।
काले रंग पर इतना गुमान कर काला रंग दो दिन में ढल जाएंगा …!!”
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