लखनऊ। बरावन कला मोहल्ले में शुक्रवार को दुबग्गा थाने में तैनात सिपाही रिंकू ने पुलिस को सूचना दी कि उसकी 30 वर्षीय पत्नी(विवाहिता) बृजेश कुमारी ने आत्महत्या कर ली है। लेकिन, मामला उस समय पलट गया जब उसके पांच साल के बेटे ऋषभ ने रोते हुए सारी सच्चाई बयां कर दी।
चीख-चीखकर रो रहा था रिंकू : बृजेश के फांसी लगाने की सूचना पर जब पुलिस मौके पर पहुंची तो रिंकू जीने पर बैठा चीख-चीखकर रो रहा था। वह कभी अपना सिर पीटता तो कभी पत्नी की शव की ओर भागता। मौके पर मामला संदिग्ध देख पुलिस अधिकारी ठिठके। उन्होंने मौके पर तत्काल पुलिस बल तैनात कर दिया। इसके साथ ही रिंकू पर नजर रखने के लिए कहा जिससे कहीं वह भाग न जाए।
बेटे ने खोला हत्या का राज : बृजेश(विवाहिता) का पांच साल का मासूम बेटा ऋषभ है। पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचे तो ऋषभ मां के शव के पास खड़ा था। जब शव उतारा गया तो आस पास टहलने लगा। वह पिता के पास जाने से संकोच कर रहा था। यह देख एसीपी आशुतोष कुमार के इशारे पर एक महिला पुलिस कर्मी ने उसे गोद में उठा लिया और पुचकारते हुए बाहर ले गई। इसके बाद पानी और चिप्स के पैकेट बच्चे के लिए मंगाए गए। ऋषभ ने पिता के क्रूरता की कहानी सुनाई। उसने बताया कि पापा ने मम्मा को मारा और फिर ऊपर बांध दिया। बच्चे ने कहा कि वह मना कर रहा था इसके बाद भी पापा मम्मा को मारते रहे। नीचे के पोर्सन में रहने वाली आंटी को चीख-चीखकर बुलाता पर पर कोई न आया।
दोनों में आए दिन होता था झगड़ा, छह माह में तीन बार हुआ था समझौता : मकान के नीचे भाग में रहने वाले मकान मालिक ने बताया कि रिंकू और बृजेश(विवाहिता) में पटती नहीं थी। किसी न किसी बात को लेकर अक्सर दोनों में झगड़ा होता रहता था। बीते छह माह में कई बार रिंकू पर प्रताडऩा का आरोप लगाते हुए बृजेश ने थाने से लेकर पुलिस के उच्चाधिकारियों को प्रार्थनापत्र देकर शिकायत की थी पर पुलिस दोनों में समझौता करा देती थी। वर्ष 2020 में बृजेश और उसके घर वालों ने रिंकू और उसके परिवारजन पर दहेज प्रताडऩा का आरोप लगाते हुए बदायूं एसएसपी के यहां लिखित शिकायत की थी। उसमें भी समझौता हो गया था।
दोनों में हुआ संर्घष, कमरे में पड़ी थी टूटी चूडिय़ां और फैले बर्तन : कमरे में मारपीट के दौरान बृजेश बचाव में काफी देर पति से झगड़ती रही। इससे उसकी चूडिय़ां टूट गईं। उसके बालों की क्लिप और टूटी हुई चूडिय़ां कमरे में पड़ी थी। इसके अलावा कुछ बर्तन भी फैले पड़े थे। जो यह बयां कर रहे थे कि मारपीट के दौरान दोनों के बीच कुछ देर संर्घष भी हुआ है।
बेटी लगाती रही गुहार, पुलिस ने नहीं सुनी पुकार : रिंकू की प्रताडऩा से बेटी परेशान हो चुकी थी। आए दिन वह मारपीट कर बेटी को प्रताडि़त करता रहता था। रिंकू की प्रताडऩा से त्रस्त होकर बेटी दो साल से बदायूं से लेकर लखनऊ तक पुलिस अधिकारियों से गुहार न्याय की गुहार करती रही। मामला सिपाही से जुड़ा होने के कारण पुलिस अधिकारी समझौता करा देते थे। अंतत: रिंकू ने उसकी जान ले ली पर पुलिस ने बेटी की पुकार नहीं सुनी। यह कहना है बृजेश की मौत का गम अपने कलेजे में दबाए बैठे बदनसीब पिता लटूरी लाल का।
उन्होंने बताया कि जब रिंकू की सिपाही की नौकरी लगी तो उसके बाद बृजेश(विवाहिता) को प्रताडि़त करने लगा। दहेज की मांग करता था। इसके बाद बेटी को मारपीट कर भगा दिया। बेटी ने वर्ष 2020 में तत्कालीन एसएसपी बदायूं को प्रार्थनापत्र दिया था। इसके बाद पुलिस कर्मियों को जांच मिली। उन्होंने मामले में समझौता करा दिया। कुछ दिन बाद बेटी अपने बेटे को लेकर पति के साथ यहां दुबग्गा के बरावनकला में रहने लगी। कुछ ही समय बीता था कि फिर से रिंकू बेटी को प्रताडि़त करने लगा।
इसके बाद बेटी ने लखनऊ पुलिस के अधिकारियों को प्रार्थनापत्र दिया पर पुलिस ने सुनवाई नहीं की। पुलिस प्रार्थनापत्र मिलने पर समझौता ही करा देती थी। अगर पुलिस मामले में कार्रवाई करती तो बेटी की जान तो कम से कम बच जाती। मकान के नीचे पोर्सन में रहने वाले मकान मालिक ने बताया कि रिंकू और बृजेश में पटती नहीं थी। किसी न किसी बात को लेकर अक्सर दोनों में झगड़ा होता रहता था।