लखनऊ। भाजपा कार्यालय(BJP Office) में आत्मदाह करने वाले बलराम तिवारी की बुधवार को मौत हो गई। बलराम ने मकान मालिक की प्रताड़ना और ठाकुर में पुलिस की अभद्रता से परेशान होकर आत्मदाह किया था। बलराम की पत्नी सोनी ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे। डीसीपी पश्चिम ने मामले की जांच एसीपी चौक को सौंपी थी हालांकि, अभी तक एसीपी की जांच रिपोर्ट नहीं आई है।
बलराम के चार बच्चे हैं। पुलिस ने सोनी की तहरीर पर मकान मालिक मनीष पाल समेत अन्य के खिलाफ आत्मदाह के लिए उकसाने की एफआइआर दर्ज की थी। हालांकि किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। बलराम पत्नी और बच्चों के साथ कई बार ठाकुरगंज थाने गए थे। इस दौरान पुलिस ने मकान मालिक और बलराम के बीच समझौता करा दिया था। घटना से एक दिन पहले भी बलराम परिवार समेत ठाकुरगंज थाने में देर रात तक मौजूद थे।
सोनी का आरोप है कि थाने में पुलिस कर्मियों ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया था, जिसके कारण बलराम आहत थे और उन्होंने भाजपा कार्यालय(BJP Office) में जाकर आत्मदाह कर लिया। बलराम को गंभीर अवस्था में सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से उन्हें ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया। बलराम और उनका परिवार किसी से मिल ना सके। इसके लिए वहां कड़ी सुरक्षा लगाई गई थी। अब तक आरोपितों के खिलाफ कार्यवाही नहीं होने से पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। सोनी के सामने चार बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी है और उनकी आर्थिक व्यवस्था भी ठीक नहीं है।