जिला परिषद सदस्य व समाजसेवी कर्मजीत कौर ने आशा वर्कर यूनियन की हड़ताल को समर्थन दिया और उनकी मांगों को उचित बताया। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सरकार (government) द्वारा लगातार अनदेखी की जा रही। एक तरफ तो सरकार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा व महिलाओं के सम्मान की बात कर रही है और दूसरी तरफ लगातार महिलाओं की आवाज को अनसुना कर उनका अपमान किया जा रहा है।
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कर्मजीत कौर ने कहा कि आशा वर्करों को उनकी मेहनत के हिसाब से मेहनताना नहीं दिया जा रहा। कोरोना काल में इन वर्कर्स ने अपनी जान जोखिम में डालकर डोर-टू-डोर जाकर मरीजों को कोरोना से बचाव के लिए किट वितरित की। आशा वर्कर से 24 घंटे सरकार (government) द्वारा काम लिया जा रहा है, लेकिन इसके बदले मात्र 4000 हजार वेतन देकर उनका दोहरा शोषण किया जा रहा है। काम के हिसाब से उन्हें 50 हजार रुपए वेतन मिलना चाहिए।
उन्होंने बताया कि पिछले करीब 2 महीने से आशा वर्कर यूनियन अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं और वे लगातार इन वर्कर्स की आवाज को बुलंद कर रही हैं। कर्मजीत कौर ने कहा कि आशा वर्कर्स की इस लड़ाई में वे तन-मन-धन से इनके साथ खड़ी हैं और जब तक इनकी मांगों का हल नहीं हो जाता, वे पीछे नहीं हटेंगी। उन्होंने धरना प्रदर्शन के दौरान अपनी कुर्बानी देने वाली वर्कर्स के परिवार को 20 लाख रुपए की सहायता और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की सरकार (government) से मांग की।
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