वाशिंगटन, 11 जून (एजेंसी) अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को संसद को सौंपी रिपोर्ट में कहा कि कोरोना की तीन लहरों का सामना करने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था (Economy) ने जोरदार वापसी की है। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी अपनी अर्धवार्षिक रिपोर्ट में कहा कि भारत में महामारी की दूसरी लहर का 2021 के मध्य तक आर्थिक विकास पर गंभीर प्रभाव पड़ा, जिससे अर्थव्यवस्था की रिकवरी में देरी हुई।
ये भी पड़े – क्या आप कलाकार बनाना चाहते है ? क्या आप फिल्म जगत में अपना नाम बनाना चाहते है?
भारत के कोविड-विरोधी टीकाकरण प्रयासों की प्रशंसा करते हुए, मंत्रालय ने कहा, “हालांकि, वर्ष की दूसरी छमाही में, आर्थिक (Economy) गतिविधियों में मजबूती से सुधार हुआ और भारत के टीकाकरण कार्यक्रम में तेजी आई।” अमेरिकी ट्रेजरी मंत्रालय ने कहा कि 2021 के अंत तक भारत की लगभग 44 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण किया जा चुका है।
ये भी पड़े – मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) का नया क्रूजिंग पार्टनर कौन है? सोशल मीडिया पर फोटो शेयर कर फैंस नजर आए
मंत्रालय ने कहा कि 2020 में भारत की विकास दर सात प्रतिशत थी। 2021 की दूसरी तिमाही में विकास दर महामारी-पूर्व स्तर पर पहुंच गई और 2021 में पूरे साल की विकास (Economy) दर 8 फीसदी रही। 2022 की शुरुआत में, भारत को भी कोरोना वायरस के ओमाइक्रोन रूप के कारण कोविड -19 की तीसरी लहर का सामना करना पड़ा, लेकिन इस दौरान मौतों की संख्या और आर्थिक गिरावट सीमित रही।
मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार महामारी के मद्देनजर अर्थव्यवस्था (Economy) को इसके दुष्प्रभावों से बचाने के लिए 2021 में भी वित्तीय सहायता देना जारी रखेगी। अधिकारियों का अनुमान है कि वित्त वर्ष 22 में कुल राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 6.9 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा, जो कि पूर्व-महामारी राजकोषीय घाटे से अधिक है।