सियोल। उत्तर कोरिया (किम जोंग) ने अपनी परमाणु हमला क्षमता को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किए गए एक नए प्रकार की ‘निर्देशित’ मिसाइल का परीक्षण किया है। सरकारी मीडिया के मुताबिक बिना अपेक्षित सैन्य परेड के ही सरकारी वर्षगांठ गुजर जाने के बाद इस परीक्षण की सूचना दी है। उत्तर कोरिया इस मौके का इस्तेमाल विध्वंसक हथियार प्रणालियों को सामने लाने के लिए करता आया है।
उत्तर कोरिया ने इस वर्ष 13वें चरण का मिसाइल परीक्षण किया है। ये परीक्षण इस चिंता के बीच किए गए हैं कि उत्तर कोरिया जल्दी ही देश के हथियारों के भंडार का विस्तार करने और रुकी हुई कूटनीति के बीच अपने विरोधियों पर दबाव बढ़ाने के लिए परमाणु परीक्षण जैसा कोई बड़ा उकसाने वाला कदम उठा सकता है।
किम जोंग उन समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हथियारों के परीक्षण का किया मुआयना
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आधिकारिक सेंट्रल कोरियाई न्यूज एजेंसी ने कहा कि किम जोंग उन और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हथियार के परीक्षण का मुआयना किया। न्यूज एजेंसी ने ज्यादा जानकारी नहीं दी है, लेकिन ‘युक्ति पूर्ण परमाणु’ शब्द का इस्तेमाल किया है। इससे पता चलता है कि मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है जिससे अमेरिकी सैन्य प्रतिष्ठान समेत दक्षिण कोरिया में रणनीतिक ठिकानों को निशाना बनाया जा सकता है।
जानिए क्यों लंबी दूरी की मिसाइलों को तैनात करना चाहता है नार्थ कोरिया
सियोल में इवा यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर लीफ एरिक एस्ले के मुताबिक उत्तर कोरिया अमेरिकी शहरों पर निशाना साधने के इरादे से लंबी दूरी की मिसाइलों को तैनात करना चाहता है। उत्तर कोरिया इन हथियारों से राजनीतिक बढ़त लेने के साथ ही अन्य देशों को अपने संघर्ष में दखल देने से रोकना चाहता है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर कोरिया ने परमाणु क्षमता वाली केएन-23 मिसाइल के छोटे व हल्के वर्जन का परीक्षण किया है। यह लोवर ट्रेजेक्ट्री में मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भी विफल करने में सक्षम है।