लखनऊ। CM योगी: उत्तर प्रदेश के जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक (Dinesh Khatik) द्वारा विभाग में भ्रष्टाचार और अफसरों द्वारा मंत्री की अनदेखी के उठाए गए मुद्दे को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने बेहद गंभीरता से लिया है। गुरुवार को मिलने के लिए पहुंचे दिनेश खटीक की एक-एक बात सीएम योगी ने बंद कमरे में सुनी। इसके बाद विभाग के कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और प्रमुख सचिव अनिल गर्ग के सामने भी बातचीत की।
राज्यमंत्री दिनेश खटीक का दावा है कि उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सारी अनियमितताएं बता दी हैं। हर आरोप की जांच का आश्वासन मिला है। साथ ही प्रमुख सचिव से भी जवाब-तलब किया गया है। खटीक की बातों को सुनने के बाद सीएम योगी ने उनका त्याग-पत्र अस्वीकार कर दिया है।
जलशक्ति विभाग की कार्यप्रणाली पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए राज्यमंत्री दिनेश खटीक के त्याग पत्र की चर्चा मंगलवार शाम से ही शुरू हो गई थी। बुधवार को उनके द्वारा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भेजा गया त्याग-पत्र भी इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया। भ्रष्टाचार, अफसरों द्वारा बात न सुनने और दलित मंत्री होने की वजह से भेदभाव जैसे गंभीर आरोप लगाकर उन्होंने प्रदेश की राजनीति में खलबली मचा दी।
इसके बाद उनके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की चर्चा चलती रही, लेकिन बुधवार को वह दिल्ली पहुंच गए और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भेंट कर पूरा मामला बताया। संभवत: वहां से भी इस मामले में हस्तक्षेप किया गया, जिसके बाद गुरुवार दोपहर में दिनेश खटीक मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर पहुंचे।
यहां लगभग 20 मिनट तक सीएम योगी आदित्यनाथ से अकेले में उनकी बात हुई। इस दौरान उन्होंने अनियमितताओं का जिक्र करते हुए यह भी कहा कि राज्यमंत्रियों की बात अधिकारी नहीं सुनते, जिससे अपमानजनक स्थिति बन गई है। थोड़ी देर बाद कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह और प्रमुख सचिव अनिल गर्ग भी मुख्यमंत्री के पास पहुंचे। दिनेश ने उनके सामने भी कहा कि अधिकारी फोन नहीं उठाते। उठाते हैं तो बीच में काट देते हैं।
इस पर सीएम योगी ने प्रमुख सचिव से जवाब-तलब कर लिया। दिनेश खटीक ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सभी आरोपों पर जांच कराने का भरोसा दिया है। इसके साथ ही प्रमुख सचिव को निर्देश दिया कि कोई शिकायत मिले तो उसकी तुरंत जांच कराकर कार्रवाई की जाए। इस बातचीत में कई विषयों पर चर्चा हुई। आखिरकार मुख्यमंत्री ने उनका इस्तीफा अस्वीकार कर दिया। वह राज्यमंत्री बने रहेंगे।
CM योगी से बातचीत में दिनेश ने अपने विधानसभा क्षेत्र हस्तिनापुर के पिछड़ेपन का विषय भी रखा। यहां से निकलकर वह अपने सरकारी आवास पर पहुंचे और रात लगभग आठ बजे नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
प्रमुख सचिव और विभागाध्यक्ष पर होगी कार्रवाई : एक-एक बिंदु पर कार्रवाई के आश्वासन से तमाम संभावनाएं खड़ी हो गई हैं। दरअसल, राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते विभाग के ही कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह को भेजे त्याग-पत्र में कई गंभीर आरोप लगाए हैं। दलित होने के कारण मंत्री से भेदभाव करने और बात न सुनने के आरोपित सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव अनिल गर्ग और विभागाध्यक्ष एके सिंह को हटाया जा सकता है। तबादलों और नमामि गंगे परियोजना के काम की जांच कराई जा सकती है। उन्होंने कोई काम न दिए जाने की पीड़ा भी व्यक्त की थी, इसलिए कैबिनेट मंत्री और राज्यमंत्री के बीच जल्द ही काम का बंटवारा भी हो सकता है।