डिंग। (सतीश बंसल) जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) डिंग में (E-learning) वीरवार को जिला स्तरीय एक दिवसीय ई-अधिगम प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। संस्थान के प्रवक्ता सुरेंद्र नूनियां ने बताया कि शिविर में व्यावसायिक शिक्षक व कंप्यूटर विज्ञान के प्राध्यापकों ने भाग लिया। ई-अधिगम के जिला नोडल अधिकारी नीरज पाहूजा, जिला गणित विशेषज्ञ व डिलीवरी नोडल अधिकारी चंद्रप्रकाश ने शिविर में कहा कि इस कार्यक्रम से प्रत्येक विद्यार्थी तक विषय-वस्तु का सरलता तक पहुंचना संभव होगा।
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उन्होंने बताया कि शिविर में भाग ले रहे अध्यापक यहां प्रशिक्षण लेकर अब आगे दसवीं कक्षा को हिन्दी, अंग्रेजी व सामाजिक विज्ञान तथा कक्षा 11 वीं व 12वीं में हिन्दी व अंग्रेजी विषय पढ़ाने वाले अध्यापकों को 25 के समूहों में प्रशिक्षण देंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य सभी विद्यार्थियों को ई-अधिगम बनाना है। इसमें प्रत्येक विद्यार्थी प्रति सप्ताह प्रत्येक विषय को कम से कम 1 घंटा टैबलेट के माध्यम से पढ़ाई करेगा व सप्ताह में दो रेमीडियल टेस्ट देगा। इसके अलावा अध्यापक द्वारा दिए गये 2 गृहकार्य भी विद्यार्थी टैबलेट के माध्यम से करेगा।
उन्होंने कहा कि सभी विद्यार्थियों व अध्यापकों को प्रतिदिन टैबलेट विद्यालय लाना अनिवार्य है। विद्यार्थियों को शिक्षा विभाग द्वारा दिए गये टैबलेट में मोबाइल डिवाइस मैनेजमेंट सॉफ्टवेर इंस्टाल है, जिसके कारण विद्यार्थी टैबलेट में कोई और एप्प नहीं चला सकता। (E-learning) शिविर को संबोधित करते हुए डाइट प्राचार्य कपिल कुमार पूनियां व जिला शिक्षा अधिकारी आत्मप्रकाश मेहरा ने कहा कि ई-अधिगम शिक्षा का एक नवीन प्रत्यय है। इसके अन्तर्गत इंटरनेट तकनीकी का उपयोग पाठ्यवस्तु के प्रस्तुतीकरण एवं संचार में किया जाता है।
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इस तकनीकी को सहायता से अधिगम के लिए समुचित वातावरण को शिक्षकों तथा छात्रों हेतु उत्पन्न किया जाता है। ई-अधिगम जीवन पर्यन्त चलने वाली प्रक्रिया को प्रोन्नत करती है। समाज तथा समुदाय को अधिगम सुविधा प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि ई-अधिगम में इंटरनेट के उपयोग से अधिगम के वातावरण का विस्तार किया जाता है। इण्टरनेट की सहायता में शिक्षकों तथा छात्रों के अधिगम वातावरण का विस्तार किया जाता है।
यह वातावरण छात्र केन्द्रित होता है, जबकि परम्परागत शिक्षा में अधिगम वातावरण शिक्षक केन्द्रित होता है। ई-अधिगम को प्रमुख विशेषता यह है कि पाठयवस्तु का प्रस्तुतीकरण एवं संचार कम्प्यूटर इण्टरनेट प्रणाली से किया जाता है। (E-learning) इस शिविर में सभी प्रतिभागियों को पीएएल सॉफ्टवेयर के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया। शिविर में मोहित तायल व विक्रम ख्यालिया ने मास्टर ट्रेनर के रूप में कार्य किया। शिविर में मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी तान्या, शीला रानी, रोशनलाल कम्बोज, देवीलाल, सुखपाल फौगाट, मंदीप शर्मा, सुनील कुसुम्बी, सुभाष बैनीवाल, सज्जन फौजी उपस्थित थे।