रायबरेली। मिल एरिया के एक गांव की महिला को उसके पति और देवर ने पांच बार तलाक दिया। दो बार उसका हलाला भी कराया गया। तीसरी बार हलाला कराने का दबाव बनाया गया तो महिला मायके चली आई और पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी। पीड़िता ने आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई है।
पीड़िता का विवाह सात अप्रैल 2015 को डीह के पूरे खटाना मजरे टेकारी दांदू गांव के मोहम्मद आरिफ के साथ हुई थी। शादी के बाद से ही दहेज की मांग को लेकर उसे प्रताड़ित किया जाने लगा। ससुरालवालों के उकसाने पर उसके पति ने उसे तलाक दे दिया। महिला ने पुलिस में शिकायत करनी चाहिए तो घरवालों ने दबाव बनाया और हलाला कराने के लिए 21 अक्टूबर 2016 को उसका विवाह देवर जाहिद से करा दिया। हलाला होने के बाद जाहिद ने तलाक दिया तो 23 मार्च 2017 को दोबारा उसकी शादी आरिफ से हुई।
कुछ दिन माहौल शांत रहा, लेकिन दहेज लोभियों ने उसे फिर प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। उसके पति ने दोबारा उसे तलाक दे दिया और ससुरालवालों ने उसे घर से भगा दिया। पीड़िता के मायके और ससुराल पक्ष के लोगों के बीच किसी तरह समझौता हुआ। महिला का दोबारा जाहिद से विवाह हुआ और हलाला कराया गया। जाहिद ने तलाक दिया तो 21 फरवरी 2021 को आरिफ से उसका तीसरी बार निकाह हुआ। एक ही परिवार में ये सब होता रहा, लेकिन बाहर किसी को भनक नहीं लग सकी।
आरिफ ने एक मार्च 2022 को जब तीसरी बार तलाक दिया और महिला पर दबाव बनाया कि वह उनके बहनोई के साथ हलाला कराए, तब उसका सब्र का बांध टूट गया। वह अपने मायके चली आई। कई दिन भाग दौड़ के बाद तीन अप्रैल 2022 को मिल एरिया थाने में उसकी शिकायत पर पति आरिफ, सास नसरीन, देवर बबलू, देवरानी बुद्धन, देवर जाहिद, जीजा बुधई और परिवार के रसीद के खिलाफ दहेज उत्पीड़न, दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 के तहत मामला पंजीकृत किया गया।लंबा वक्त गुजर जाने के बाद भी आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो एक सप्ताह पहले पीड़िता कप्तान आफिस पहुंची और न्याय की गुहार लगाई।
विधिक अभिमत आने का इंतजारः सीओ वंदना सिंह ने बताया कि ये मामला जब मेरे सामने आया, उसी वक्त मेरे आदेश पर केस दर्ज किया गया। महिला के साथ हलाला किया गया, इसको लेकर गिरफ्तारी का प्राविधान है या नहीं, इसके लिए विधिक अभिमत मांगा गया है। उसके मिलते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। विवेचना प्रचलति है, जल्द ही चार्जशीट दाखिल की जाएगी।