सिरसा। (सतीश बंसल) इंडियन नेशनल लोकदल की प्रदेश कार्यकारिणी के (Financial) वरिष्ठ सदस्य जसवीर सिंह जस्सा ने कहा कि सरकार की दोहरी नीति के कारण सरसों उत्पादकों को आर्थिक चपत लग रही है मगर सरकार उदासीनता की चादर ओढे हुए है। मंगलवार को जारी बयान में इनेलो नेता ने कहा कि बेशक सरकार की ओर से सरसों की खरीद के लिए एमएसपी 5450 निर्धारित किया हुआ है मगर उसकी सरकारी खरीद इस रेट पर नहीं हो रही और ऐसे में सरसों उत्पादक किसान 4500 से 5000 रुपए तक अपनी फसल बेचने को मजबूर है।
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इनेलो नेता जस्सा ने कहा कि जो सरसों का तेल एक लीटर बाजार में 150 रुपए प्रति लीटर की दर से बिक रहा था, वह अब 106 रुपए की दर से बिक रहा है। इसका सीधा सा अर्थ है कि सरकार ने सरसों के तेल का आयात किया है जबकि भारतीय किसानों को सरकार की ओर से ही निर्धारित भाव भी नहीं मिल रहा। (Financial) उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि सरकार अपने ही किसानों की जिंस को निर्धारित रेटों पर खरीद कर जहां अपने किसानों को आर्थिक लाभ देती वहीं इससे देश का पैसा भी देश में ही रहता मगर सरसों आयात से देश की बहुत धनराशि बाह्य देशों में चली गई।
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जसवीर सिंह जस्सा ने कहा किभारतीय अर्थव्यवस्था सीधे तौर पर कृषि पर टिकी है और सरकार को यह बात भली भांति समझ लेनी चाहिए कि यदि देश का किसान सुखी है तो देश भी खुशहाल होगा और यदि सरकार यूं ही दोहरे चाल चरित्र से किसानों को भ्रमित करने का प्रयास करती रही (Financial) तो यह कदम न तो किसान हित में होगा और न ही देशहित में। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वे इस मुद्दे की गंभीरता से समझते हुए सरसों उत्पादकों की सरसों एमएसपी रेट पर खरीदने का प्रबंध करवाए।