दिल्ली। (Constipation) कब्ज: त्योहारों का सीजन चल रहा है। इस सीजन में पितृ पक्ष के पश्चात नवरात्रि मनाई जाएगी। यह पर्व नौ दिनों तक चलता है। इसमें मां दुर्गा की पूजा उपासना की जाती है। साधक मां के निमित्त व्रत भी रखते हैं। व्रत करने से कब्ज की समस्या होती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो नवरात्रि में फास्टिंग के दौरान केवल सात्विक भोजन खाने की अनुमति होती है। इसके लिए साधक फल, सूखे मेवे, दूध और जूस का सेवन करते हैं। लंबे समय तक भूखे रहने से मेटाबॉल्ज़िम धीमा हो जाता है। साथ ही कब्ज की समस्या होती है। इसके लिए नवरात्रि में साधकों को कब्ज की समस्या होती है। अगर आप भी कब्ज की समस्या से परेशान हैं, तो ये आसान टिप्स जरूर फॉलो करें। आइए जानते हैं-
फाइबर रिच फूड का सेवन करें
फाइबर रिच फूड के सेवन से कब्ज में बहुत जल्द आराम मिलता है। इसके लिए डाइट में फाइबर रिच ताजे फल, नट्स, स्मैक राइस और ओट्स को जरूर शामिल करें। फाइबर रिच फूड के सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होता है। यह गैस्ट्रिक सिस्टम को नियंत्रित करता है। साथ ही आंत को स्वस्थ और मजबूत रखता है। इसके लिए रोजाना फाइबर रिच चीजों को डाइट में जरूर शामिल करें।
पानी खूब पिएं
जब आप फास्टिंग करते हैं, तो शरीर को हायड्रेट रखना बहुत जरूरी होता है। इससे शरीर के सभी अंग सही से कार्य करने लगते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स हमेशा रोजाना 3 लीटर या उससे अधिक पानी पीने की सलाह देते हैं। इससे पाचन प्रक्रिया सही होती है वहीं, कब्ज और ब्लोटिंग की समस्या से भी निजात मिलता है।
चाय का अधिक सेवन न करें (Constipation)
फास्टिंग के दौरान चाय और कॉफी के अधिक सेवन से कब्ज की समस्या होती है। इसमें कैफीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। चाय के अत्यधिक सेवन से शरीर डिहाइड्रेट होता है। इससे पाचन प्रक्रिया में बाधा आती है। इसके चलते कब्ज और पेट संबंधी विकार होते हैं। अगर आप फास्टिंग करते हैं, तो बहुत सीमित मात्रा में चाय का सेवन करें। चाय के सेवन से एसिडिटी की भी समस्या होती है।
किशमिश वाला पानी पिएं
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो किशमिश युक्त पानी पीने से भी (Constipation) कब्ज में आराम मिलता है। इसके लिए रोजाना रात में सोने से पहले किशमिश भिगोकर रख दें। अगली सुबह को किशमिश वाला पानी पिएं। इससे भी कब्ज में आराम मिलता है। किशमिश में एंटी ऑक्सीडेंट्स के गुण पाए जाते हैं, जो संक्रमण को दूर करने में फायदेमंद होते हैं।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।