नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (एजेंसी) : खाद्य मंत्रालय ने रविवार को कहा कि विशिष्ट खाद्य तेलों (Edible Oil) पर रियायती आयात शुल्क की अवधि मार्च 2023 तक बढ़ा दी गई है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने
खाद्य तेलों की घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और खुदरा कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए 31 अगस्त, 2022 को निर्णय लिया गया था।
ये भी पड़े – रिजर्व बैंक ने जताया अंदेशा अगले वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति घटकर 5.2 फीसदी पर आ सकती है
खाद्य मंत्रालय के बयान के अनुसार, “खाद्य तेल आयात पर रियायती सीमा शुल्क छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।” मंत्रालय ने यह भी कहा कि वैश्विक कीमतों में गिरावट के कारण घरेलू खाद्य तेल की कीमतों में नरमी का रुख रहा है। भारत में खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों में उल्लेखनीय कमी आई है, जो वैश्विक दरों में गिरावट और आयात शुल्क में कमी के कारण है।
बयान के अनुसार, क्रूड पाम ऑयल, आरबीडी पामोलिन, आरबीडी पाम ऑयल, क्रूड सोयाबीन ऑयल, रिफाइंड सोयाबीन ऑयल, क्रूड सनफ्लावर ऑयल और रिफाइंड सनफ्लावर ऑयल पर मौजूदा शुल्क संरचना 31 मार्च, 2023 तक अपरिवर्तित रहेगी। क्रूड किस्मों पर आयात शुल्क ताड़ के तेल, सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल की कीमत फिलहाल शून्य है। (Edible Oil)
ये भी पड़े – क्या आप कलाकार बनाना चाहते है ? क्या आप फिल्म जगत में अपना नाम बनाना चाहते है?
हालांकि, पांच प्रतिशत कृषि उपकर और 10 प्रतिशत सामाजिक कल्याण उपकर को ध्यान में रखते हुए, इन तीन खाद्य तेलों की कच्ची किस्मों पर प्रभावी शुल्क 5.5 प्रतिशत है।