सिरसा। (सतीश बंसल) वेतनमान 35400 को लेकर लिपिकीय वर्ग का लघु सचिवालय में पड़ाव 34वें दिन भी जारी रहा। सोमवार को भूख हड़ताल पर जसविंद्र कौर तहसील कार्यालय से, एमसी डबवाली से प्रिया रानी, स्वास्थ्य विभाग से राजबाला व सुमन तथा जनस्वास्थ्य विभाग से चंद्रावती शामिल रहीं। सोमवार को भीम सिंह रोज भरोखा सरपंच प्रतिनिधि व मिल्खराज सरपंच भरोखां ढाणी सहित भीम आर्मी के पदाधिकारियों जिलाध्यक्ष अमनदीप कुमार, प्रदेश महासचिव सतपाल गौड़, चेतराम, राजेंद्र, गगन, वेद, माणाराम, बलबीर, मलकीत, दीपक ने भी कर्मचारियों के धरने को अपना समर्थन दिया। (Rights)
वहीं पेंशन बहाली संघर्ष समिति ने भी धरने को समर्थन दिया। जिला प्रधान राजकुमार मेहता, जिला महासचिव जयसिंह, जिला ऑडिटर रणजीत सिंह, कोषाध्यक्ष सतपाल सिंह, सिरसा खंड अध्यक्ष देवेंद्र कुमार, हरदेव सिंह, प्रदीप कुमार, नरेंद्र कुमार, हितेश कुमार ने कर्मचारियों की हौंसलाफजाई के लिए समिति की ओर से आर्थिक सहयोग भी दिया। सांय को धरने पर सीएडब्ल्यूएस की राज्य महिला प्रधान शर्मिला हुड्डा, राज्य महासचिव कर्ण सिंह मोंगा व जगदीश फौजी सिरसा पहुंचे। महिला राज्य प्रधान ने शर्मिला हुड्डा ने कहा कि हरियाणा सरकार 21700 वेतनमान देकर कर्मचारियों के साथ भद्दा मजाक कर रही है।
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उन्होंने कहा कि वे सरकार की नो वर्क नो पे की धमकियों से डरने वाले नहीं है। सरकार के इस फैसले को कर्मचारी हंसते हुए स्वीकार करते है, क्योंकि और सरकार कुछ दे भी नहीं सकती। सरकार के इस फरमान के बाद धरनास्थलों पर कर्मचारियों की संख्या बढ़ी है, न कि घटी है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी सरकार को 35400 देने के लिए मजबूर कर देंगे। राज्य महासचिव कर्ण मोगा ने कहा कि सरकार को झुकना पड़ेगा और कर्मचारियों को 35400 वेतनमान देना ही पड़ेगा। (Rights)
उन्होंने कहा कि ये कर्मचारियों के सम्मान की लड़ाई है, वेतनमान की नहीं। मोगा ने कहा कि हर जिले में रोजाना कर्मचारियों की संख्या बढ़ रही है और जल्द सरकार को निर्णय लेने पर मजबूर होना पड़ेगा। यूनियन के स्टार प्रचारक जगदीश फौजी ने कहा कि अगर इस आंदोलन को जीतना है तो हमें सबसे पहले संगठित रहना पड़ेगा। बहुत से लोग आएंगे और आपको बरगलाने का प्रयास करेंगे, लेकिन हम सभी का एक ही ध्येय होना चाहिए वेतनमान 35400। फौजी ने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाएग, लेकिन 35400 लिए बिना अब नहीं उठेंगे। उन्होंने कहा कि ये लड़ाई 50 साल के शोषण के विरूद्ध है। आज तक लिपिकीय वर्ग का शोषण ही हुआ है। (Rights)
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फौजी ने कहा कि संगठन की जीत निश्चित है और नजदीक है। उन्होंने कर्मचारियों के संघर्ष की हौंसलाफजाई करते हुए कहा कि सिरसा के कर्मचारियों का अनुशासन, संगठन व रोष प्रदर्शन सर्वोत्त्तम है। राज्य कार्यकारिणी के निर्देशों का पालन करते रहें। सफलता जरूर मिलेगी। जिला प्रधान गौरव बजाज ने दूसरे राज्यों में मिल रहे वेतनमान बारे विस्तार से बताया कि लिपिकीय वर्ग को सबसे कम हरियाणा में 19900 (एफपीएल-2), पंजाब (ओपीएस) में पहले 10300+ 3200 सीपीसी और अब 7वें पे कमीशन के हिसाब से 35400, नई दिल्ली में एलडीसी-25500 (एफपीएल-4), हिमाचल प्रदेश (ओपीएस) में 20200 और दो सालों से 30500 व राजस्थान (ओपीएस) में पहले 25500 और अब 34800 (एफपीएल-5बी) वेतनमान मिलता है। (Rights)
हरियाणा सरकार अन्य राज्यों से भी कम वेतन देकर झूठ बोल रही है कि हरियाणा में सबसे अधिक वेतन मिलता है। मोहनलाल सुथार, त्रिलोकचंद हेमसा जिला प्रधान, अंग्रेज सिंह, विनोद गोदारा, दीपक सिंह, सुभाष, प्रमोद डीसी ऑफिस ने अपने संबोधन में कहा कि एक सप्ताह तक कर्मचारी अपने सब्र से शांतिपूर्वक धरने पर बैठे है, लेकिन इसके बाद भी सरकार का रवैया यही रहा तो कर्मचारियों को मजबूरन बड़ा निर्णय लेना होगा। बजाज ने कहा कि अगर सरकार ने हठधर्मिता नहीं छोड़ी तो बड़ा आंदोलन करेंगे। इस अवसर पर सरोज, रेणुबाला, पिंकी, सुमन, मनप्रीत, पवन कुमारी, सुमन, कृष्णा, रीतू रानी, रामसिंह, कुलदीप, ओमप्रकाश सुथार, महेंद्र, राजीव, रायचंद उपाधीक्षक, रमेश चंद्र, दीपक सिंह, मोहनलाल सुथार, सतपाल सुथार, सुनील कुमार, महिला प्रधान सुखविंद्र कौर सहित सैकड़ों कर्मचारी उपस्थित थे।