प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड (Elder Son of Atiq) को 60 से ज्यादा दिन बीतने के बाद छानबीन जारी हैं और कई नए एंगल पर काम हो रहा है। अब तक अतीक और अशरफ समेत पूरा कुनबा इस कांड में शामिल बताया जा चुका है। जेल में बंद अतीक के बड़े बेटे उमर को भी पुलिस इस हत्याकांड में अहम किरदार मान रही है।
ऐसा इसलिए कि शूटआउट से कुछ घंटे पहले असद जेल में उमर से मिला और देर तक उसके साथ बातचीत की थी। तय है कि बात किसी और मसले पर नहीं उमेश को सनसनीखेज ढंग से खत्म करने पर ही रणनीति बन रही थी। ऐसे में बहुत संभव है कि जल्द ही हत्याकांड के विवेचक की ओर से उमर को भी साजिश का मुल्जिम बना दिया जाए।
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अतीक के पांच बेटों में सबसे बड़ा उमर करीब ढाई साल तक फरारी काटने के बाद पिछले साल लखनऊ की सीबीआई कोर्ट में सरेंडर कर जेल गया था। उसकी गिरफ्तारी पर विधान सभा ने दो लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। बिल्डर मोहित जायसवाल के अपहरण और देवरिया जेल में पिटाई के मामले में आरोपित उमर को लखनऊ की गोसाईगंज जेल में हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है। (Elder Son of Atiq) पिछले साल ही अतीक के दूसरे बेटे अली ने भी पांच करोड़ रुपये रंगदारी मांगने के मामले में प्रयागराज की अदालत में समर्पण किया था और वह नैनी जेल में बंद है।
इन दोनों की फरार रहने और फिर जेल जाने के बाद माफिया का तीसरे नंबर का बेटा असद काम देख रहा था। उमेश पाल कांड से पहले असद और गुड्डू मुस्लिम समेत बाकी शूटरों के बरेली जेल में बंद अशरफ से फरवरी में तीन बार (9, 11 और 12 तारीख को) मिलने की बात पहले ही सामने आ चुकी है। हालांकि, मामले में पुलिस द्वारा जांच जारी हैं|
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एसटीएफ और पुलिस का कहना है कि इन तीन बैठकों में अशरफ ने असद समेत बाकी शूटरों को शूटआउट का पूरा विवरण समझा दिया था। फिर वे सभी इंटरनेट कालिंग के जरिए जुड़े रहे। हत्याकांड से एक दिन पहले 23 फरवरी को असद लखनऊ में जेल जाकर उमर से मिला था।
पता चला है कि वह देर तक उमर से बात करता रहा। पुलिस का कहना है कि उमर ने बड़े भाई और आपराधिक गतिविधियों में अनुभवी होने के नाते असद को तमाम राय दी होगी। (Elder Son of Atiq) इससे साफ है कि उमर भी साजिश का हिस्सा था और उसे भी इस कांड में मुल्जिम बनाकर जल्द ही धूमनगंज कस्टडी रिमांड मांग सकती है।