भारत ने आने वाली शत्रुतापूर्ण मिसाइलों को नष्ट करने के लिए (Endo-atmospheric and exo-atmospheric) एंडो-एटमॉस्फेरिक और एक्सो-एटमॉस्फेरिक इंटरसेप्ट सिस्टम विकसित करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
कामत ने कहा कि चरण II बीएमडी (बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस) एडी -1 5,000 किमी-वर्ग के किसी भी प्रक्षेप्य को रोक सकता है। उन्होंने कहा, “अगर दुश्मन लंबी दूरी से हमें निशाना बनाते हैं, तो अब हमारे पास इंटरसेप्ट करने की क्षमता है। यह बैलिस्टिक मिसाइलों के खिलाफ हमारी क्षमता में एक महत्वपूर्ण उछाल है।”
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“एक बार जब हमारे रडार इसे (दुश्मन मिसाइल) उठा लेते हैं, तो यह (AD-1) इसे ट्रैक करने में सक्षम हो जाएगा. हमारी रक्षा प्रणाली को सक्रिय किया जा सकता है और (मिसाइल) को (Endo-atmospheric and exo-atmospheric) इंटरसेप्ट किया जा सकता है। यह मुख्य रूप से एंडो-एटमॉस्फेरिक है। लेकिन कम एक्सो-वायुमंडलीय क्षेत्र में भी काम करता है। हम उच्च एक्सो-वायुमंडलीय क्षेत्र के लिए विकास कर रहे हैं।”
बुधवार को अपना पहला परीक्षण पूरा करने वाली AD-1 इंटरसेप्टर मिसाइल, लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों से देश की रक्षा करने की भारतीय सेना की क्षमता में ‘एक महत्वपूर्ण छलांग’ है, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के प्रमुख डॉ समीर कामत ने गुरुवार को समाचार एजेंसी एएनआई को बताया।
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि एक (Endo-atmospheric and exo-atmospheric) बार परिचालन और एकीकृत होने के बाद, दोनों प्रणालियां देश को आने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों के खिलाफ बहुस्तरीय रक्षा प्रदान करेंगी। सिस्टम 99.8 प्रतिशत की हिट-टू-किल संभावना प्रदान करता है। दो चरणों वाली ठोस मोटर द्वारा संचालित, मिसाइल में सटीकता के साथ प्रहार करने के लिए उन्नत (स्वदेशी रूप से विकसित) नियंत्रण, नेविगेशन और मार्गदर्शन प्रणाली है।
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AD-1 – जिसे अधिकारियों ने ‘बड़े मार-ऊंचाई ब्रैकेट’ वाली मिसाइल के रूप में वर्णित किया है – का परीक्षण ओडिशा तट से APJ अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया था। अधिकारियों ने कहा, ‘सभी प्रणालियों ने (Endo-atmospheric and exo-atmospheric) उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन किया’। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मिसाइल को ‘अद्वितीय’ बताया और कहा कि इसमें तकनीक ‘केवल कुछ देशों के पास उपलब्ध’ है।