पंचकूला, 14 फरवरी- राजकीय महाविद्यालय कालका की प्राचार्या कामना (Essay Writing) के मार्गदर्शन में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत अरविंदो घोष की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में दि लिटरेरी क्लब शब्द शिल्प द्वारा निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। निबंध का विषय SRI AUROBINDO AND AUROVILLE INDIA’S GIFT FOR HUMANITY रहा। निबंध लेखन की भाषा अंग्रेजी रही।
इस अवसर पर प्राचार्या कामना ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि अरविंद घोष का जन्म 15 अगस्त 1872 में कोलकाता में हुआ था। अरविंद घोष एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे। वह एक स्वतंत्रता सेनानी, कवि, प्रकांड विद्वान, योगी और महान दार्शनिक थे । (Essay Writing) उन्होंने अपना जीवन भारत को आजादी दिलाने और पृथ्वी पर जीवन के विकास की दिशा में समर्पित कर दिया। इन्होंने युवा अवस्था में स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारी के रूप में भाग लिया। किंतु बाद में यह एक योगी बन गए और इन्होंने पांडिचेरी में एक आश्रम स्थापित किया।
ये भी पड़े – क्या आप कलाकार बनाना चाहते है ? क्या आप फिल्म जगत में अपना नाम बनाना चाहते है?
अरविंद घोष के विचार थे कि हमारा वास्तविक शत्रु कोई बाहरी ताकत नहीं है बल्कि हमारी खुद की कमजोरियों , हमारा स्वार्थ और हमारा पूर्वाग्रह है। (Essay Writing) प्रस्तुत कार्यक्रम दि लिटरेरी क्लब शब्द शिल्प की प्रभारी प्रोफेसर डॉक्टर मीनू और सदस्य प्रोफेसर डॉक्टर बिंदु, प्रोफेसर डॉक्टर गीतांजलि, डॉक्टर पूजा सिंगल, डॉ कविता, प्रोफेसर गीता ,डॉ रमाकांत के मार्गदर्शन और दिशा निर्देशन में किया गया।