श्रूसबरी (Shrewsbury) इंटरनेशनल स्कूल इंडिया ने जयपुर में आयोजित समारोह के दौरान, वहाँ उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों और लोगों को गहरी सीख और सर्वांगीण शिक्षा की 472 साल पुरानी विरासत से अवगत कराया, जो विश्व स्तरीय शैक्षणिक कार्यक्रमों और पाठ्येतर गतिविधियों का बेजोड़ संगम है। वर्ष 1552 में एडवर्ड VI ने रॉयल चार्टर के तहत श्रूसबरी स्कूल की स्थापना की थी, जहाँ छात्रों के बौद्धिक, आध्यात्मिक एवं नैतिक विकास पर विशेष ध्यान दिया जाता है। संस्थान के पूर्व छात्रों में सर चार्ल्स डार्विन सहित बड़ी संख्या में बेहद सम्मानित लोग शामिल हैं
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और जल्द ही इस संस्थान की ओर से भारतीय छात्रों के लिए सम्पूर्ण-व्यक्ति शिक्षा का अपना विशिष्ट मॉडल- फ़्लोरिएट पेश किया जाएगा श्रूसबरी इंटरनेशनल स्कूल इंडिया वर्ष 2025 में अपने विशाल, 150 एकड़ में निर्मित भोपाल परिसर के दरवाज़े खोलेगा। इसमें सह-शिक्षा के लिए बोर्डिंग स्कूल, 160,000 वर्ग-फुट के दायरे में फैला शैक्षणिक ब्लॉक, 40,000 वर्ग-फुट का परफॉर्मिंग आर्ट्स स्कूल, 20 से ज्यादा खेल सुविधाएँ और एक भाषा केंद्र शामिल है, जहाँ कई यूरोपीय एवं भारतीय भाषाओं की शिक्षा प्रदान की जाती है।
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अध्ययन कार्यक्रम मुख्य रूप से विज्ञान एवं गणित विषयों की शिक्षा पर आधारित होगा, साथ ही सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। छात्रों को सर्वांगीण शिक्षा प्रदान करने के श्रूसबरी के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए, अलग-अलग तरह के खेलकूद तथा परफॉर्मिंग आर्ट्स में भी कई पाठ्यक्रमों की पेशकश की जाएगी। लंदन के ट्रिनिटी कॉलेज के साथ श्रूसबरी (Shrewsbury) की साझेदारी की वजह से छात्रों को नाट्य एवं संगीत कला में अंतर्राष्ट्रीय डिप्लोमा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। स्कूल अंग्रेजी राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की पेशकश करेगा, जिससे छात्र 10वीं और 11वीं कक्षा में कैम्ब्रिज अंतर्राष्ट्रीय IGCSE परीक्षाएँ दे सकेंगे। ये परीक्षाएँ छात्रों को A लेवल के पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए योग्य बनाएंगी, जिनकी अंतिम परीक्षाएँ 12वीं और 13वीं कक्षा के अंत में निर्धारित की जाएंगी।
श्रूसबरी इंटरनेशनल स्कूल इंडिया के संस्थापक एवं मैनेजमेंट बोर्ड के अध्यक्ष, श्री अभिषेक मोहन गुप्ता ने श्रूसबरी को वैश्विक शिक्षा में अग्रणी स्थान दिलाने वाले कारकों के बारे में बात करते हुए कहा, “हमारी शिक्षा-विधि बोर्डिंग और डे स्कूल के समृद्ध एवं समावेशी माहौल में हर छात्र के व्यक्तित्व को निखारती है। हम शिक्षा के सभी क्षेत्रों को शामिल करते हुए विश्व स्तरीय पाठ्यक्रम की पेशकश करते हैं, और सह-पाठयक्रम जीवन को ‘दूसरी कक्षा’ मानते हैं, जिसके माध्यम से छात्र डिज़ाइन एवं तकनीक, विज्ञान या खगोल विज्ञान जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अपनी रुचि का पता लगा सकते हैं। निजी तौर पर दिया जाने वाला शिक्षण उन्हें अपनी क्षमता को बेहतर बनाने के लिए तैयार करता है, जबकि एक संवेदनशील और उत्तरदायी ‘हाउस सिस्टम’ उनके बेहतर विकास के लिए घर जैसा माहौल बनाता है।”