सिरसा।(सतीश बंसल) खरीफ फसल मुआवजा-2020 सहित किसानों की अन्य मांगों को लेकर लघु सचिवालय (Small Secretariat) सिरसा के समक्ष बीते 54 दिनों से धरना दे रहे सिरसा जिला के किसानों और हरियाणा सरकार के बीच सहमति बन गई है। मांगों पर सहमति बनने के बाद पक्के मोर्चे पर उपस्थित किसानों के चेहरों पर अलग ही खुशी देखने को मिली। जानकारी देते हुए भारतीय किसान एकता बीकेई अध्यक्ष लखविंद्र सिंह औलख ने बताया कि किसानों की जिला प्रशासन व हरियाणा सरकार से हुई मांगों में से ज्यादातर मांगों का समाधान हो गया है। जिसकी पुष्टि जिला प्रशासन से SDM सिरसाए कृषि विभागए बीमा कम्पनीए नहरी विभाग के अधिकारियों ने धरना स्थल पर आकर की। बीमा क्लेम से वंचित 6 गांवों का क्लेम मार्च महीने में ही आ जाएगा और खरीफ -2022 की CSC सेंटरों व बैंकों से वापिस हुई बीमा प्रीमियम राशी बीमा कम्पनी द्वारा मंजूर कर ली जाएगी।
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किसानों को अपना बीमा क्लेम जानने के लिए बैंकों व कृषि विभाग के बार-बार चक्कर काटने पड़ते थे किसानों की इस मांग का भी समाधान हो गया है अब अप्रैल माह से यह प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाएगी किसान घर बैठे ही अपने मोबाइल से अपने बीमा क्लेम की स्थिति देख सकेगा। खरीफ -2022 का बीमा क्लेम अप्रैल माह के अंत तक आएगा। बातचीत में नहरी विभाग के अधिकारियों ने ओटू हैड पर हिसार गंगर ड्रेन के पानी की निकासी के लिए साइफन बनाने की लंबे समय से किसानों की मांग थी उसको मानते हुए साइफन बनाने का टेंडर हो चुका है और अप्रैल में इसका काम शुरू हो जाएगा। NGC नहर पर साइफन बनाने की प्रोजेक्ट रिपोर्ट भेज दी गई है। सरकार से मंजूरी मिलने के बाद इस पर भी काम किया जाएगा जिससे कि नकौड़ा, संतनगर, दमदमा, करीवाला सहित कई गांवों के किसानों की सिंचाई बाधित नहीं होगी। (Small Secretariat) वहीं ऐलनाबाद डिस्ट्रीब्यूटरी, किशनपुरा माइनर, सुरेरां माइनर, नीमला माइनर इन चारों नहरों को पक्का करने की रिपोर्ट भी भेज दी गई है, यह सभी नहरें अब पक्की होंगी। औलख ने बताया कि कृषि विभाग से संबंधी मुख्य मांग खाद.बीज की सैंपलिंग की थी। उनकी मांग थी कि एक्ट में संशोधन किया जाए। सरकार ने संशोधन के लिए समय मांगा है और तब तक कृषि विभाग के अधिकारियों आश्वस्त किया है कि शिकायत के आधार पर कीटनाशक दवाईयों, खाद, बीज व बायोफर्टिलाइजर्स का जांच के लिए नमूना लेते समय शिकायतकर्ता को भी इसमें गवाह बनाया जाएगा और उसके बकायदा हस्ताक्षर करवाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि खाद की कमी की शिकायत पर सरकार ने अधिकारियों को चेताया कि वे समय से पूर्व डिमांड भेजें, ताकि समस्या से निजात मिल सके। वहीं खाद के साथ किसानों को जबरदस्ती कोई समान देने पर सरकार की ओर से दुकानदारों व इफको सैंटरों व सोसायटी संचालकों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं। अब किसान को खाद के साथ कोई जबरन वस्तु नहीं दी जाएगी। कृषि विभाग द्वारा किसानों को मंच से कहा गया है कि बीटी-4 नरमे का बीज नहीं आया है। (Small Secretariat)
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किसान गुमराह न हों ज्यादा उपज के झांसे में आकर गुजरात से या किसी दुकान से बीटी-4 बीज न लें। कीटनाशक दवाइयां, खाद व बीज लेते समय उसका पक्का बिल जरूर लें। खरीफ -2020 बकाया मुआवजे को लेकर हुई बातचीत के बाद सरकार की ओर से कहा गया है कि प्रशासन की ओर से किसानों के कागजात मंगवा लिए गए है विधानसभा सैशन के बाद धरना कमेटी की अधिकारियों से फिर मीटिंग होगी। उन्होंने सरकार को बकाया मुआवजा देने के लिए 15 मई तक अल्टीमेटम दिया है। अगर 15 मई तक मुआवजा नहीं आता तो 16 मई को बड़ी किसान पंचायत कर आगामी रणनीति बनाकर सरकार को घेरा जाएगा। औलख ने कहा दिल्ली मोर्चे की तर्ज पर सिरसा के किसानों ने ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ पक्का मोर्चा लगाया। सिरसा में यह पहली बार हुआ है कि लंगर का प्रबंधन मोर्चे पर किया गया, जिसका संचालन जट्ट भाईचारे ने किया। उन्होंने धरने को सफल बनाने वाले सभी किसान साथियों का फूल मालाओं व स्मृति चिन्ह देकर धन्यवाद किया। इसके साथ-साथ धरने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले डिंग मंडी निवासी ओमप्रकाश झुरिया को वाहनों के काफिले के साथ डिंग मंडी घर तक सम्मानपूर्वक छोड़ा गया। लखविंद्र सिंह ने पक्का मोर्चा को सफल बनाने में सहयोग करने वाले तमाम संगठनों, मीडिया कर्मियों व किसानों का धन्यवाद किया। (Small Secretariat)