लखनऊ। दिव्यांशी: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट की परीक्षा में भी लड़कियों ने बाजी मारी है। शनिवार को घोषित परिणाम में हाईस्कूल तथा इंटर में बालिकाओं का ही दबदबा है। इंटर का कुल उत्तीर्ण प्रतिशत 85.33 प्रतिशत है।
इंटर के टापर में फतेहपुर की दिव्यांशी पहले स्थान पर हैं। जय मां एसडीएम इंटर कॉलेज राधा नगर फतेहपुर की छात्रा दिव्यांशी को 95.40 प्रतिशत अंक मिले हैं। फतेहपुर के जय मां एसजीएम इंटर कालेज राधा नगर की दिव्यांशी ने 95.40 फीसद यानी 500 में 477 अंक हासिल करके यूपी टॉप किया है। दूसरे स्थान पर अंशिका यादव तथा बाराबंकी के योगेश प्रताप सिंह हैं। अंशिका यादव बच्चा राम यादव इंटर कालेज भुलई का पूरा प्रयागराज की छात्रा हैं। उनको 95 प्रतिशत अंक मिले हैं। बाराबंकी के श्री साईं इंटर कालेज लखपेड़ाबाग बाराबंकी के योगेश प्रताप सिंह भी दूसरे स्थान पर हैं। इनको भी 95 प्रतिशत अंक मिले हैं। फतेहपुर के ही बालकृष्ण 94.20 प्रतिशत अंक के साथ तीसरे स्थान पर हैं। इसी तरह जिले के एसबीएम इंटर कालेज रघुवंश पुरम के बालकृष्णा 94.20 प्रतिशत यानी 500 में 471 अंक हासिल करके पूरे प्रदेश में तीसरे स्थान पर रहे हैं।
यूपी बोर्ड 12वीं की टॉपर लिस्ट में फतेहपुर के छह विद्यार्थियों ने जगह बनाई है। इसमें एसबीएम इंटर कालेज रघुवंश पुरम की मुस्कान तिवारी ने 93.4 प्रतिशत अंक, जय मां एसजीएम इंटर कालेज राधानगर की प्रियां ने 93.4 प्रतिशत अंक हासिल करके छठवां स्थान हासिल किया है। एसएस इंटर कालेज मुसतफापुर हुसैनगंज के रजनीश कुमार ने 92.6 प्रतिशत अंक हासिल करके आठवें पायदान पर रहे हैं। एसबीएम इंटर कालेज रघुवंश पुरम के उत्कर्ष अवस्थी ने 92.4 फीसद अंक लेकर नौंवे स्थान पर रहे हैं। इसी तरह जालौन के एसआर बाल्मीकी इंटर कालेज उरई की छात्रा श्रुति गुप्ता 93.2 प्रतिशत अंक हासिल करके सातवें पायदान पर रही हैं।
फतेहपुर के जय मां सरस्वती ज्ञान मंदिर राधा नगर की होनहार छात्रा दिव्यांशी रेडीमेड व्यवसायी राधेकृष्ण अग्रहरि की पुत्री 600 में से 559 अंक प्राप्त किए हैं। पारिवारिक पृष्ठभूमि की बात करें तो टापर दिव्यांशी की बड़ी बहन दीक्षा ने भी वर्ष 2017 में हाईस्कूल की यूपी मेरिट में सातवां स्थान प्राप्त किया था, वहीं 2019 में भी यूपी मेरिट में पांचवां स्थान प्राप्त किया था। दो अन्य छोटी बहनें दिव्या, दीप्ती व भाई जय है। मां जावित्री देवी गृहणी हैं। पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानने वाली मेधावी दिव्यांशी व्याख्याता बनकर शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर योगदान देना चाहती है। अपनी सफलता का श्रेय गुरुजनों के मार्गदर्शन व माता-पिता के साथ बड़ी बहन द्वारा दिए गए टिप्स को बताया। उसने कहा कि मेहनत, लगन व समय पालन ही सफलता का मूल मंत्र है। मेधावी छात्रा ने कहा कि शिक्षा की बेहतरी के लिए नकलविहीन परीक्षाएं कराना स्वागतयोग्य कदम है, इससे मेधा का अपनी प्रतिभा दिखाने के अवसर मिल रहे हैं।