छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के खरसिया विधानसभा क्षेत्र से (Torture) एक हैवानियत से भरा मामला सामने आया हैं. जहां एक महिला टीचर ने बच्ची को प्रताड़ित करते हुए उसे पिछले चार दिन तक बाथरूम में बंद कर रखा था. वहीं जब मामले की जानकारी जिला बाल संरक्षण इकाई को हुई तो टीम के सदस्य मौके पर पहुंची और बच्ची का सुरक्षित रेस्क्यू किया. बच्ची को चाईल्ड लाइन को सौंप दिया. मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है|
वहीं अब इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी ने टीचर को नोटिस जारी करते हुए एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है. वहीं बच्ची के बयान के आधार पर शिक्षिका के खिलाफ पुलिस FIR दर्ज करने की तैयारी कर रही है. रायगढ़ जिले के खरिया में रहने वाली आशा अग्रवाल एक विद्यालय में शिक्षिका है. (Torture) सने चार साल की मासूम को गोद लेकर उसकी परवरिश करने का जिम्मा उठाया था. हाल ही में उसने बच्ची के साथ मारपीट की और फिर उसे घर के बाथरूम में बंद कर दिया था|
वहीं पड़ोसियों ने मामले की जानकारी बाल संरक्षण विभाग के अधिकारियों को दी. इसपर टीम मौके पर पहुंची और स्थानीय पुलिस की मदद से मासूम को बाथरूम में बाहर निकालकर चाईल्ड लाइन के हवाले किया गया. (Torture) मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जिला बाल संरक्षण अधिकारी दीपक डनसेना, चाइल्ड लाइन की गुलापी विश्वाल, उन्नायक सेवा समिति के अशोक पटेल और खरसिया CDPO पुनीता दर्शन ने कार्रवाई करते हुए पूरे मामले की रिपोर्ट पुलिस को भेज दी है|
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मामले की गंभीरत को देखते हुए जिला शिक्षा अधिकारी ने आरोपी शिक्षिका आशा अग्रवाल को नोटिस जारी किया है. इसमें कहा गया है (Torture) कि आपका यह कृत्य, आचरण एक शिक्षिका के अनुरूप नहीं है. 24 अप्रैल को उपस्थित होकर स्पष्टीकरण दें. हालांकि, महिला टीचर पर मामला दर्ज़ कर पुलिस द्वारा मामले की जांच जारी हैं|