पुरी का समुंदर और वहां की रेत सिर्फ पर्यटन नहीं, परंपरा और सेवा की मिसाल भी है। यहां नोलिया समुदाय के लोग पिछले सौ सालों से समुद्र में नहाने आए लोगों की जान बचाने का काम कर रहे हैं। इन्हीं नोलिया लाइफगार्ड्स से हाल ही में अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी मिले। उन्होंने न केवल उनकी तारीफ की, बल्कि उनकी मदद भी की। गौतम अदाणी अपनी पत्नी प्रीति अदाणी और बेटे करण अदाणी के साथ पुरी पहुंचे थे। उन्होंने भगवान जगन्नाथ के दर्शन किए, रथ यात्रा में सेवा दी और इस्कॉन के किचन में महाप्रसाद सेवा में भी हिस्सा लिया।
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पुरी के सच्चे रक्षक हैं नोलिया। नोलिया समुदाय पुरी के पारंपरिक मछुआरे हैं। बहुत सालों से ये लोग पर्यटकों और श्रद्धालुओं को समुद्र में डूबने से बचाते आ रहे हैं। आज पुरी में 450 से भी ज्यादा नोलिया लाइफगार्ड्स काम कर रहे हैं। पहले ये लोग अलग-अलग समूहों में काम करते थे, लेकिन अब ये छह संगठनों के साथ मिलकर ‘पुरी बीच लाइफगार्ड महासंघ’ के तहत एकजुट हैं। इनका काम होटल से लेकर ब्लू फ्लैग बीच तक के अलग-अलग हिस्सों में फैला हुआ है। ये रोज हजारों लोगों की सुरक्षा करते हैं।
गौतम अदाणी ने सुनी इनकी बातें, दिया मदद का भरोसा। गौतम अदाणी ने समुद्र किनारे इन बहादुर लाइफगार्ड्स से मिलकर उनकी बातें सुनीं। उन्होंने बताया कि उन्हें कई बार बिना जरूरी उपकरणों के काम करना पड़ता है और उन्हें प्रशिक्षण की भी ज़रूरत है।
अदाणी ग्रुप की तरफ से लाइफगार्ड्स को लाइफ जैकेट, रस्सी, टॉर्च और दूसरी जरूरी चीजें दी गईं। साथ ही, नगर पालिका के सफाई कर्मचारियों को भी फ्लोरोसेंट सुरक्षा जैकेट और अन्य सामान दिए गए। यह पहली बार है जब अदाणी जैसे किसी समूह ने पुरी के लाइफगार्ड्स की मदद के लिए कदम बढ़ाया है। यह पहल न केवल सुरक्षा बल्कि सेवा और संवेदनशीलता का भी प्रतीक है।
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गौतम अदाणी ने कहा, “पुरी के नोलिया लाइफगार्ड्स बहुत मेहनत और सेवा भाव से काम करते हैं। उनकी सुरक्षा और सुविधा के लिए हम हमेशा साथ हैं।”सेवा और सम्मान की मिसाल।पुरी का समुद्र तट आज जितना सुंदर है, उतना ही सुरक्षित भी है—और इसका श्रेय नोलिया लाइफगार्ड्स को जाता है। गौतम अडाणी की इस पहल से न केवल उन्हें जरूरी संसाधन मिले, बल्कि उनके काम को भी सम्मान मिला।