नई दिल्ली। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के मुद्दे के बीच गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने मंदिर पुननिर्माण को लेकर एक बयान दिया है। रविवार को गोवा के मुख्यमंत्री ने कहा कि गोवा में पुर्तगालियों द्वारा क्षतिग्रस्त किए मंदिरों का पुननर्निर्माण किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि गोवा में मंदिरों(मंदिर) की ओर पर्यटकों को आकर्षित करान राज्य सरकार का कर्तव्य है। मुख्यमंत्री ने यह बात नई दिल्ली में आयोजित ‘पांचजन्य मीडिया कान्क्लेव’ में भाग लेने के दौरान कही। प्रमोद सावंत ने कहा कि उनकी सरकार ने पुर्तगाल शासन के दौरान ढहा दिये गए मंदिरों को पुन: स्थापित करने के लिए बजटीय आवंटन किया है।
अन्य राज्यों में भी लागू हो समान नागरिक संहिता
भाजपा शासित कई राज्यों में समान नागरिक संहिता और खासकर उत्तराखंड में हो रहे इस संहिता के कार्यान्वयन को लेकर सावंत ने कहा, ‘मैं गर्व से कहता हूं कि गोवा की आजादी के समय से ही राज्य में समान नागरिक संहिता लागू है। उन्होंने आगे कहा कि मुझे लगता है कि समान नागरिक संहिता को देश के अन्य राज्यों में लागू कराना चाहिए।
देश के सबसे अच्छा राज्यों में एक बनेगा गोवा
गोवा में भाजपा के शासन में हुए विकास के कामों का जिक्र करते हुए सावंत ने कहा कि 60 सालों तक जो गोवा हासिल नहीं कर सका वो गोवा ने 2012 से 2022 के बीच हासिल किया है। सावंत ने आगे कहा कि गोवा जल्द ही सबसे अच्छे राज्यों में से एक होने जा रहा है।
सावंत ने गोवा की आजादी में देरी के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा किभारत 1947 में आजाद हो गया जबकि गोवा ने 1967 में अपनी आजादी हासिल की।
समान नागरिक संहिता को लाने के वादे को दोहराया गया
इससे पहले रविवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में समान नागरिक संहिता लाने के अपने वादे को भी दोहराया, जो उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले किया था। धामी ने कहा कि इसके कार्यान्वयन के लिए एक मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि देश के अन्य राज्य अपने-अपने राज्यों में समान नागरिक संहिता लागू करें।’