Navtimesnews –मुंबई, अक्टूबर 2025: सोनी सब दर्शकों के लिए लेकर आ रहा है अपनी नई पौराणिक प्रस्तुति गाथा शिव परिवार की – गणेश कार्तिकेय, यह एक दिव्य महागाथा है जो भगवान शिव (मोहित मलिक) और देवी पार्वती (श्रेनु पारिख) के पुत्रों भगवान गणेश (एकांश कथरोटिया) और भगवान कार्तिकेय (सुभान खान) की अनकही कहानियों को सामने लाता है। यह भव्य कथा देव परिवार के रिश्तों, संघर्षों और विजय की गहराइयों को उजागर करती है, जो गहन मानवीय भावनाओं से परिपूर्ण है।
विज्ञापन– क्या आप कलाकार बनाना चाहते है ? क्या आप फिल्म जगत में अपना नाम बनाना चाहते है?
प्रारंभिक एपिसोड्स में दर्शक सती के देवी पार्वती के रूप में पुनर्जन्म और असुर तारकासुर के उदय को देखते हैं, जिसे यह आभास होता है कि केवल भगवान कार्तिकेय ही उसके आतंक का अंत कर सकते हैं। भगवान शिव और देवी पार्वती के मिलन से भगवान कार्तिकेय का जन्म होता है, किंतु उनकी दिव्य ऊर्जा इतनी प्रबल होती है कि वह छह कृत्तिकाओं में विभाजित हो जाती है। वे कृत्तिकाएँ उन्हें पालती-पोसती हैं और बारह वर्षों बाद ही वे अपनी वास्तविक माता से मिल पाते हैं। इधर, इंद्र (करण सूचक), जो तारकासुर से अपना सिंहासन वापस पाना चाहता है, भगवान कार्तिकेय को छलपूर्वक केवल विनाश के मिशन पर केंद्रित कर देता है।
विज्ञापन-Leading Production House for Ad shoot/Film Shoot
वह कार्तिकेय को यह विश्वास दिलाता है कि वे केवल भाग्य का हथियार हैं और देवी पार्वती उन्हें अपना पुत्र नहीं मानतीं। इस छल से कार्तिकेय और पार्वती के बीच दूरी बढ़ जाती है। मातृत्व के प्रेम और देव दायित्व के बीच बँटी हुई देवी पार्वती कार्तिकेय को कैलाश वापस लाना चाहती हैं, परंतु कार्तिकेय अपनी माता के प्रति रोष लेकर लौटते हैं। इंद्र इस खाई को और गहरा करता जाता है। टूटी हुई और अकेली पार्वती, अपने पुत्र दंडपाणी (आयुध भानुशाली) की रचना करती हैं, इस आशा में कि वह कार्तिकेय को उनके करीब ला पाएगा। लेकिन जैसे ही उन्हें सांत्वना मिलने लगती है, कैलाश पर हमला हो जाता है, जिसके चलते कार्तिकेय और दंडपाणी आमने-सामने आते हैं और अपने दिव्य घर की रक्षा के लिए एकजुट खड़े होते हैं। यह कथा एक महाकाव्यात्मक युद्ध और ऐसी यात्रा की पृष्ठभूमि तैयार करती है, जो परिवार, प्रेम और भाग्य को नई परिभाषा देने वाली है।
विज्ञापन- Get PCD Pharma Franchise by MGEE !
गणेश कार्तिकेय में देवी पार्वती की भूमिका निभा रहीं श्रेनु पारिख ने कहा: “एक अभिनेत्री के रूप में ये एपिसोड मेरे लिए बेहद चुनौतीपूर्ण लेकिन उतने ही संतोषजनक रहे हैं। देवी पार्वती की यात्रा भावनाओं की परतों से भरी है—उनकी उम्मीद, उनका दुख, उनका अकेलापन और भगवान कार्तिकेय के लिए उनका निःस्वार्थ प्रेम। माँ के रूप में गलत समझे जाने का दर्द और फिर उस रिश्ते को जोड़ने के लिए दंडपाणी का सृजन करने का उनका साहस, इन भावनाओं को निभाने के लिए मुझे अभिनय से आगे जाकर सचमुच उस पीड़ा को महसूस करना पड़ा। यह कहानी का बहुत सशक्त पल है और मुझे विश्वास है कि दर्शक उनकी इस जद्दोजहद से जुड़ पाएँगे—चाहे वह दिव्य हो या मानवीय।”देखना न भूलें — गणेश कार्तिकेय, हर सोमवार से शनिवार रात 8 बजे, केवल सोनी सब पर