अमृतसर, 03 मार्च- अल्पसंख्यक लोक भलाई संस्था के अध्यक्ष सतनाम सिंह गिल (Satnam Singh Gill) ने निजी शिक्षण संस्थान के प्रशासक एवं ‘रासा’ के अध्यक्ष हरपाल सिंह यू.के. द्वारा प्रेस में कल जारी बयान पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हरपाल सिंह यूके पंजाब के 3 करोड़ लोगों के लिए जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक लोक भलाई संस्था सरकार ने 18 नवंबर 2010 को राज्य में शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत 25% कोटा लागू करने के लिए एक अधिसूचना जारी की थी। सभी मान्यता प्राप्त स्कूलों में।शिक्षा विभाग और संबंधित स्कूल पंजाब सरकार की अधिसूचना को लागू करने में विफल रहे हैं।
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शिक्षा विभाग और मान्यता प्राप्त स्कूलों द्वारा 25% कोटा की सीटों को बहाल करने के कानून का उलघन करने के मामले की जांच के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री और पंजाब के राज्यपाल से एक जांच आयोग गठित करने का अनुरोध किया जा चुका है।
कानून के हो रहे उल्लंघन को रोकने के लिए संगठन ने पंजाब राज्य बाल अधिकार आयोग का भी दरवाजा खटखटाया है। आयोग का कहना है कि संस्था के अनुरोध पर SI को वर्ष 2010 से चालू वर्ष तक पंजाब के मान्यता प्राप्त स्कूलों की जांच विवरणिका और स्वघोषणा पत्र सहित एक स्कूल बनाने के लिए की जानी चाहिए, लेकिन अभी तक DPI प्राथमिक SIT के संबंध में पंजाब ने कोई जवाब नहीं दिया है।
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अल्पसंख्यक लोक भलाई संस्था के अध्यक्ष सतनाम सिंह गिल ने कहा कि अमृतसर जिले के 109 मान्यता प्राप्त स्कूल हरपाल सिंह यूके के स्कूल शिक्षा के अधिकार कानून 2009 के उल्लंघन में शामिल है। उन्होने ने कहा है कि संस्था 25% कोटे की सीटों के लिए अभिभावकों को जागरूक कर रही है। (Satnam Singh Gill) यह काम सरकार का है। उन्होने ने पंजाब सरकार से मांग की है कि अखबारों में कोटे की सीटों का विज्ञापन दिया जाए और शिक्षा का अधिकार कानून को पूरी तरह से लागू करने के लिए सरकार ऐतिहासिक फैसला ले।
याद रहे कि बाल अधिकारों के पक्ष में पंजाब राज्य मानवाधिकार आयोग पंजाब चंडीगढ़ ने भी निदेशक शिक्षा को नोटिस देते हुए मामले को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए हैं। इस मौके पर महासचिव गुरप्रीत सिंह जोधे, सचिव पंजाब गोपाल सिंह उमरानंगल, पीए गुरप्रीत सिंह खालसा, ब्लॉक अध्यक्ष अमृतपाल सिंह कल्याण आदि मौजूद रहे।